खुदरा निवेशकों का रुझान नए दौर के वित्तीय उत्पादों की ओर स्मॉल केस-जिन्‍नोव रिपोर्ट

बेंगलुरू (एजेंसी/वार्ता): वित्तीय निवेश बाजार संबंधी एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में छोटे निवेशकों के कुल निवेश का एक बड़ा हिस्सा सावधि जमा जैसे परम्परागत उत्पादों में जाता है लेकिन उनके बीच अब क्रिप्टोकरेंसी, रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रेइट) की यूनिट जैसी नए दौरा की निवेश योजनाओं की ओर झुकाव बढ़ रहा है।

रिटेल निवेशक व्यवहार परिदृश्य में परिवर्तनकारी बदलाव को समझने के लिए स्मॉलकेस और जिन्‍नोव की मंगलवार को जारी विश्लेषणात्मक रिपोर्ट ‘राइज़ ऑफ द इंडियन रिटेल इन्वेस्टर’ के मुताबिक, के 93 प्रतिशत खुदा रिटेल निवेशक नए जमाने के वित्तीय उत्पादों जैसे रेइट, स्मॉलकेस, एनएफटी और डिजिटल गोल्ड में निवेश के प्रति रुचि रखते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा निवेशकों के पोर्ट फोलियो में सावधि योजनाओं जैसे पारंपरिक निवेश उत्पादों की 29.2 प्रतिशत के साथ बड़ी हिस्सेदारी बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार ये उत्पाद कर-छूट की दृष्टि से अच्छे है लेकिन लेकिन ये अन्य परिसंपत्ति वर्गों की तुलना में कम लचीले हैं।

रिपोर्ट के अनुसार सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) जैसी योजनाओं पर ब्याज दरों के न बढ़ने के कारण 2017 के बाद से छोटे निवेशकों के कुल पोर्टफोलियो में उनकी हिस्सेदारी में गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार 50 प्रतिशत खुदरा निवेशकों ने जहां तीन साल से कम समय पहले शेयरों में निवेश करना शुरू किया वहीं 38 प्रतिशतन प्रथम सार्वजिनक निर्गमों (आईपीओ) में सक्रिय रूप से निवेश करने में रुचि रखते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार देश में 70 प्रतिशत से अधिक खुदरा निवेशक अपनी मासिक आय का 30 प्रतितशत तक निवेश के लिए बचाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ‘ खुदरा निवेशकों की कम से मध्यम स्तर का जोखिम लोने की क्षमता का प्रदर्शन करते हुए उनकी मानसिकता में अहम बदलाव दिखाता है।’

रिपोर्ट के अुनसार खुदरा निवेशकों की प्राथमिकताओं में यह महत्वपूर्ण बदलाव स्मॉलकेस, क्रिप्टोकरेंसी, एनएफटी और रेइट जैसी योजनाओं में निवेश की वृद्धि से जाहिर होता है। रिपोर्ट के अनुसार 2019 में पहली किराए की रियल एस्टेट संपत्तियों में म्यूचुअल फंड की तर्ज पर निवेश की सुविधा के लिए लाई गयी रेइट के आने के बाद से 2022 तक आते आते इसे गति मिली है और छोटे निवेशकों के निवेश पोर्टफोलियों में यह दो प्रतिशत तक स्थान बना चुकी है।

ऐसे निवेशकों का प्रत्यक्ष इक्विटी आवंटन 2017 में उनके कुल निवेश के 7.3 प्रतिशत से 2022 में बढ़ कर 8.1 प्रतिशत तक पहुंच गया है। डिजिटल सोना भी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। इसी तरह एक्सेंज ट्रेडेड फंड ईटीएफ ने 2018 के बाद से ईटीएफ फोलियो की संख्या और उनके प्रबंधनाधीन सम्पत्तियों (एयूएम) में वर्ष-दर-वर्ष 58 प्रतिशत की शानदार वृद्धि देखी है।

रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि अभी छोटे निवेशकों के कुल निवेश का एक बड़ा हिस्सा सावधि जमा जैसे उत्पादों में जाता है पर रिपोर्ट के अनुसार निवेशकों के इस वर्ग का क्रिप्टोकरेंसी पोर्टफोलिया पिछले पांच साल (2017-22) में 2.5 प्रतिशत से बढ़ कर 4.8 प्रतिशत, स्मॉलकेस 0.8 प्रतिशत से बढ़ कर 2.0 प्रतिशत, बॉन्ड्स 3.5 प्रतिशत से बढ़ कर 4.5 प्रतिशत, डायरेक्ट स्टॉक्स (शेयर) 7.3 प्रतिशत से बढ़ कर 8.1 प्रतिशत , डिजिटल गोल्ड 4.0 प्रतिशत से बढ़ कर 4.7 प्रतिशत, एनएफटी 0.0 प्रतिशत से 0.7 प्रतिशत, एनपीएस 1.6 प्रतिशत से बढ़ कर 2.6 प्रतिशत , ईटीएफ 3.0 प्रतिशत से बढ़ कर 3.2 प्रतिशत , गोल्ड ईटीएफ 1.4 प्रतिशत से बढ़ कर 1.5 प्रतिशत म्युचुअल फंड 23.3 प्रतिशत से बढ़ कर 20.1 प्रतिशत, सावधि जमा 31.1 प्रतिशत से बढ़ कर 29.2 प्रतिशत , पीपीएफ 12.6 प्रतिशत से घट कर 10.1 प्रतिशत, प्राइवेट इक्विटी 6.7 प्रतिशत से घट कर 4.5 प्रतिशत , वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) 0.6 प्रतिशत से घट कर 0.4 प्रतिशत और पीएमएस 1.6 प्रतिशत से घट कर 1.5 प्रतिशत रहा।।

रिपोर्ट के अनुसार 73 प्रतिशत खुदरा निवेशकों को वित्तीय उत्पादों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी है और परिवार और दोस्त उनकी जानकारी का प्राथमिक स्रोत हैं । वहीं 52% धन प्रबंधन के बारे में जानने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में वित्तीय क्षेत्र के बारे में सुझाव देने वाले प्रभावशाली लोगों की बातों को देखते सुनते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 61 प्रतिशत खुदरा निवेशक वित्तीय सलाह के लिए भुगतान नहीं करना पसंद करते हैं। जो निवेशक भुगतान करने को तैयार है उनमें से 93 प्रतिश का पोर्टफोलियो आकार (विभिन्न योजनाओं में कुल निवेश) 10-20 लाख रुपये के बीच है और वे 45-60 वर्ष की आयु समूह के लोग हैं तथा उनकी मासिक बचत 20 प्रतिशत से अधिक है।

स्मॉलकेस के फाउंडर और सीईओ, वसंत कामथ ने कहा, “अलग-अलग तरीकों से बचत करने वाले जानकार निवेशक नए युग के निवेश के रास्ते का उपयोग करके अपने निवेश पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहे हैं। इंटरनेट , मोबाइल की पहुंच बढ़ने और वित्तीय साक्षरता में वृद्धि के साथ, भारतीय निवेशक न केवल बड़े वित्तीय लेनदेन को डिजिटल माध्यमों में स्थानांतरित कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि विनियामकीय प्रगति ने भी निवेश का लोकतांत्रीकरण किया है।

जिन्‍नोव के प्रैक्टिस पार्टनर अतीत दानक ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय रिटेल निवेश परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जिससे निवेशक अपने निवेशों को लेकर अधिक सतर्क हो गए हैं। अब पहले से अधिक रिटेल निवेशकों द्वारा नए युग के वित्तीय साधनों को अपनाया जा रहा । वे विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में निवेश कर के विविधीकृत पोर्टफोलियो निर्माण का प्रयोग करने लगे हैं। उनके व्यवहार और निवेश प्राथमिकताओं को समझना महत्वपूर्ण हो गया है।”

-एजेंसी/वार्ता

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