बरसात के मौसम में पानी की वजह से स्किन इंफेक्शन होना आम बात है . लेकिन इसी मौसम में कुछ ऐसे गंभीर स्किन इंफेक्शन होते हैं जो तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है. दाद या ‘रिंग वॉर्म’ इन्हीं में से एक फंगल इंफेक्शन हैं जो शरीर के एक पार्ट से दूसरे पार्ट में फैलता है. दाद एक ऐसा फंगल इंफेक्शन है जो एक इंसान से दूसरे इंसान में आराम से फैल सकता है. जैसे मान लीजिए आपके घर में इंसान को दाद वाली फंगल इंफेक्शन हो गई है. और वह इंसान जिस तौलिए का इस्तेमाल करते हैं और वहीं तौलिए का इस्तेमाल आप करते हैं तो पूरा चांसेस है कि आपको भी वह इंफेक्शन आसानी से अपनी गिरफ्त में ले लेगा.
दाद बार बार क्यों होता है?
दरअसल, दाद स्किन से जुड़ी बीमारी है और इंडियन लोगों को होना कॉमन है. मॉनसून में जब ह्यूमिडिटी बढ़ती है तो दाद का खतरा भी बढ़ता है. इस फंगल इंफेक्शन के साथ सबसे खतरनाक बात यह है कि अगर यह एक बार किसी इंसान को हो गया तो फिर बार-बार होगा. दाद कहीं भी हो सकता है लेकिन यह पैर, हाथ, गर्दम और शरीर के प्राइवेट पार्ट में आसानी से हो सकता है. यह ऐसा फंगल इंफेक्शन है जो तेजी से बढ़ता है. अगर कोई व्यक्ति साफ-सफाई का ठीक से ख्याल नहीं रख रहा तो है तो दाद होने के चांसेस बढ़ जाते हैं.
क्या तौलिये से दाद हो सकता है?
तौलिए से बिल्कुल दाद हो सकता है. खासकर बरसात में अगर आप तौलिए रूम में ही सुखाते हैं इसे धूप नहीं लगती है. तो आज से ही बंद कर दीजिए. क्योंकि बरसात के मौसम में यही तैलिया एक्जिमा, दाद, रैशेज और दूसरी तरह कि स्किन संबंधी बिमारियों का घर बन जाता है. ह्यूमिडिटी के कारण गीली तौलिया पर बैक्टीरिया आसानी से पनपने लगते हैं. जिसकी वजह से दाद जैसी प्रॉब्लम हो सकती है.
जिनको एक बार दाद हो गया और उसे दोबारा बचना है तो इस ट्रिक्स को अपनाएं
नहाने के बाद तौलिया से बॉडी पोछने के बाद उसे धूप में सुखाएं. अगर बरसात का टाइम है तो तौलिया को अच्छे से धो लें और फिर वाशिंग मशीन में सुखाकर इसपर आयरन कर लें.
मॉनसून के वक्त पतले तौलिया का उपयोग करें
बरसात में कॉटन और ढीले साफ कपड़े पहनें
दाद से इंफेक्टेड व्यक्ति को तौलिया, कपड़ा और कंघी घर के दूसरे व्यक्ति इस्तेमाल न करें
इस तरह के फंगल इंफेक्शन से बचना है तो खुद को ज्यादा से ज्यादा साफ रखें.
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