अमेरिका ने विरोध प्रदर्शनों को दबाने सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया: पेड्रो कैस्टिलो

लीमा (एजेंसी/वार्ता): दक्षिण अमेरिकी देश पेरू के पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो ने कहा है कि अधिकारियों ने गवर्नमेंट पैलेस में अमेरिकी राजदूत की यात्रा के बाद विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए सड़कों पर सैनिकों को तैनात किया है क्योंकि वाशिंगटन देश की खनन परियोजनाओं में मुनाफा कमा रहा है।

गत सात दिसंबर को महाभियोग के जरिये राष्ट्रपति पद से हटाये गये श्री कैस्टिलो ने कहा,“हमवतन, ध्यान दें! गवर्नमेंट पैलेस में अमेरिकी राजदूत की यात्रा न तो मुफ्त में थी और न ही देश के पक्ष में। बैठक में, सैनिकों को सड़कों पर ले जाने और मेरे रक्षाहीन लोगों का नरसंहार करने का आदेश दिया गया था। बीच में अन्य चीजें, मसलन कोंगा, ताई मारिया और अन्य खानों से खनिजों के निष्कर्षण का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा था।”

कैस्टिलो ने अपने ट्विटर पर प्रकाशित एक हाथ से लिखे नोट में कहा,“पेरू का मीडिया न केवल इस बारे में चुप रहेगा बल्कि आसानी से इसका खंडन भी करेगा।” गौरतलब है कि सात दिसंबर को पेरू की संसद ने पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो पर महाभियोग लगाया। प्रधान मंत्री दीना बोलुआर्टे ने महाभियोग मतदान के दो घंटे के भीतर देश के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। साथ ही जुलाई 2026 तक कैस्टिलो के बाकी कार्यकाल की सेवा करने की कसम खाई।

कैस्टिलो ने मतदान से पहले संसद को भंग करने की कोशिश की थी।इससे पहले ही श्री कैस्टिलो को गिरफ्तार कर लिया गया था। महाभियोग प्रक्रिया और पेरू के अभियोजक के कार्यालय ने तख्तापलट के प्रयास तथा देश के खिलाफ अपराधों के आरोप में उसके खिलाफ एक आपराधिक मामला शुरू किया।

इन घटनाओं ने पूरे देश में विरोध की लहर छेड़ दी है। प्रदर्शनकारियों ने महाभियोग के बाद की सरकार की निंदा की और तत्काल राष्ट्रपति चुनाव तथा देश की संसद को समाप्त करने का आह्वान किया। बुधवार को सर्वोच्च अभियोजक उरीएल टेरान के अनुरोध के बाद, गुरुवार को पेरू के सुप्रीम कोर्ट ने 18 महीने के लिए कैस्टिलो के सुनवाई पूर्व हिरासत को मंजूरी दे दी।

-एजेंसी/वार्ता

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