टीपरा मोथा ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए किराये पर ली एक रेलगाड़ी

अगरतला (एजेंसी/वार्ता) सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर दबाव बनाने के लिए त्रिपुरा की विपक्षी पार्टी टीपरा मोथा ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ग्रेटर तिपरालैंड की अपनी मांग को लेकर दिल्ली में 5-6 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन करने के लिए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे से एक रेलगाड़ी किराए पर ली है।

मोथा के नेताओं ने बुधवार को कहा कि बहुत समय से लंबित 125वें संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने, त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) का दर्जा बढ़ाने और ग्रेटर तिपरालैंड के लिए एडीसी का सशक्तिकरण को लेकर केंद्र सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता और एडीसी के अध्यक्ष, जगदीश देबबर्मा ने कहा कि “मोथा आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी और 60 सदस्यीय सदन में सभी सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी, क्योंकि पार्टी गैर-जनजातीय लोगों के खिलाफ नहीं है और हम समुदाय से ऊपर उठकर स्वदेशी आबादी के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि टीपरा मोथा के लगभग 2,000 कार्यकर्ता अगरतला से 02 दिसंबर की दोपहर को 16 डिब्बों वाली विशेष ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना होंगे और 04 दिसंबर की रात देश की राजधानी पहुंचेंगे और अगली सुबह 05 दिसंबर से दिल्ली एनसीआर में रहने वाले कुछ हजार तिपरासा (स्वदेशी जनजातियों) के साथ मिलकर जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।

विरोध प्रदर्शन के दौरान, पार्टी ग्रेटर तिपरालैंड की मांग दोहराते हुए प्रधानमंत्री और केंद्र के अन्य सभी संबंधित मंत्रालयों को ज्ञापन सौंपेंगी। प्रदर्शनकारी 07 दिसंबर को उसी ट्रेन से अगरतला वापस लौटना शुरू करेंगे और पार्टी ने रेलवे को इस विशेष रेलगाड़ी के लिए किराया शुल्क के रूप में 10 लाख रुपये का भुगतान किया है।

टिपरा मोथा के अध्यक्ष प्रद्योत किशोर देबबर्मन ने कहा कि “पूरे देश के हजारों तिपरासा दिल्ली आएंगे जिससे राष्ट्रीय राजधानी की निर्णय लेने वाली सरकार हमारी वैध और संवैधानिक मांगें सुनने के लिए मजबूर हो सके।
आइए हम सब एक बड़े उद्देश्य के लिए एकता की वास्तविक भावना और शक्ति का प्रदर्शन करें।

त्रिपुरा की सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस टीपरा को आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन करने के लिए लंबे समय से मना रहे हैं लेकिन यह अभी तक संभव नहीं हुआ है क्योंकि टिपरा मोथा के अध्यक्ष श्री प्रद्योत देबबर्मन ने गठबंधन से पहले लिखित प्रतिबद्धता की शर्त रखी हुई है।

हाल के दिनों में, माकपा और कांग्रेस नेताओं ने खुले रूप से एडीसी का दर्जा बढ़ाने और ग्रेटर तिपरालैंड की मांग को अपना समर्थन दिया है लेकिन भाजपा ने यह कहते हुए इसका विरोध कर रही कि इस प्रकार की मांग जनजातीय और गैर-जनजातीय के बीच सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देगी और ग्रेटर तिपरालैंड की मांग का उद्देश त्रिपुरा के छोटे क्षेत्र को विभाजित करना है जिसका कोई आधार नहीं है।

एजेंसी/वार्ता

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