पित्त नली का कैंसर, जिसे कोलेजनियोकार्सिनोमा के नाम से भी जाना जाता है, यह एक घातक कैंसर है जो पित्त नली को प्रभावित करता है. नलियों का एक नेटवर्क जो यकृत में उत्पन्न होता है और छोटी आंत तक जाता है, पित्त नली बनाता है. इस कैंसर के शुरुआती लक्षण सामान्य हैं. हालांकि, इस कैंसर का जल्द पता लगने से इसके खतरे को कम किया जा सकता है. अगर पित्त नली के कैंसर के कोई लक्षण हैं, तो वह बेहद आम हैं.
पित्त नली के कैंसर का सबसे आम लक्षण पीलिया है, फिर भी ज्यादातर मामलों में, यह स्थिति कैंसर से संबंधित नहीं होती है. पीलिया तब होता है जब पित्त, जिसमें हरा-पीला रासायनिक बिलीरुबिन होता है.
ग्लेनीगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल सिटी, चेन्नई के कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. विष्णु अभिषेक राजू कहते हैं, “ज्यादातर पित्त नली के कैंसर रोगियों को खुजली होती है क्योंकि त्वचा में बहुत अधिक बिलीरुबिन होने से व्यक्ति को खरोंच लग सकती है.
उच्च रक्त बिलीरुबिन स्तर के कारण मूत्र का रंग गहरा हो सकता है, जो पित्त नली के कैंसर का संकेत हो सकता है. प्रारंभिक चरण पित्त नली का कैंसर पेट में मामूली दर्द पैदा कर सकता है, लेकिन बड़े ट्यूमर से अधिक गंभीर दर्द हो सकता है, विशेष रूप से पसलियों के नीचे दाईं ओर.
जिन लोगों को पित्त नली का कैंसर है उन्हें भूख नहीं लग सकती है. बाइल डक्ट कैंसर के मरीजों को अक्सर बुखार रहता है.
ये पित्त नली के कैंसर के सामान्य लक्षण नहीं हैं, लेकिन ये उन लोगों में हो सकते हैं जो पित्त नली की रुकावट के परिणामस्वरूप है जांगाइटिस विकसित करते हैं. ये लक्षण आमतौर पर बुखार के साथ होते हैं.
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