मध्यप्रदेश के खरगोन में कुएं में गिरे तेंदुए की शावक को रेस्क्यू किया गया

खरगोन (एजेंसी/वार्ता): मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के कसरावद अनुविभाग मुख्यालय के समीप खेत में बने कुएं में गिरे तेंदुए के शावक काे आज दोपहर रेस्क्यू कर लिया गया। खरगोन के वन मंडलाधिकारी प्रशांत सिंह ने बताया कि कसरावद के समीप एक किसान के खेत में कल रात्रि कुएं में गिरे तेंदुए की मादा शावक का आज दोपहर सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया। उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सकों ने 7 माह की शावक का परीक्षण कर स्वस्थ पाया है।

उन्होंने बताया कि आज रात्रि इसे पिंजरे में रख इसकी मां मादा तेंदुए का इंतजार किया जाएगा। उसके शावक के आसपास आने पर पिंजरे को खोल दिया जाएगा। यदि मादा तेंदुआ नहीं आती है तो इसे इंदौर स्थित चिड़ियाघर में भी भेजने का विकल्प रहेगा। कसरावद के रेंजर सचिन सयादे ने बताया कि कल रात्रि 30 फीट गहरे कुएं में तेंदुए का शावक गिर गया था। वह रात भर भर पानी में तैरते रहा। आज आवाज आने पर खेत मालिक ने उसे देखा और वन विभाग को सूचना दी। इसके पूर्व उसने अपने साथियों की मदद से एक टोकरी डालकर शावक को पानी से निकालते हुए कुएं में लटके रहने दिया था।

वन अमले ने उसे निकालने की कोशिश की, लेकिन वह बार-बार कुएं में कूद जा रही थी। इसके बाद एक जाल की सहायता से उसे दोपहर बाहर निकाला गया। ग्रामीणों ने बताया कि कसरावद क्षेत्र के नर्मदा नदी के किनारे के ग्राम मोगावा, कठोरा, माकड़ खेड़ा, बोथू, बलगांव , भोइंदा आदि स्थानों पर तेंदुए की लगातार उपस्थिति देखी जा रही है और सिंचाई करने वाले किसानों को तेंदुए का डर भी सता रहा है।

पशु चिकित्सक दिनेश वर्मा ने बताया कि मादा शावक स्वस्थ है लेकिन ज्यादा देर तक पानी में रहने तथा ग्रामीणों की उपस्थिति के कारण कुछ घबराई हुयी है।रेंजर ने बताया कि नर्मदा तट से जुड़े इलाकों की घनी झाड़ियों और खेतों में प्राकृतिक रूप से तेंदुओं का निवास है और वे कई बार जानवरों का शिकार करते हैं।

-एजेंसी/वार्ता

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