जानिए,35 साल से कम उम्र के लोगों को क्यों पड़ रहा है दिल का दौरा

हार्ट अटैक पहले बड़े बूढ़ों की बीमारी मानी जाती थी. लेकिन अब इसके इसके चपेट में 30 से 40 साल के उम्र वाले भी युवा आ रहे हैं. हर पांच में से एक पेशेंट की उम्र 40 साल से कम होती है. आज से कुछ साल पहले 40 साल के मरीज को दिल का दौरा पड़ना.बहुत ही दुर्लभ माना जाता था लेकिन अब इसमें हैरानी वाली कोई बात नहीं है क्योंकि इसकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. हर रोज ये खबर आती है कि किसी को जिम के दौरान हार्ट अटैक आ गया तो कोई दौड़ते दौड़ते ही अटैक के चपेट में आ गया..

हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी ये एक मेडिकल कंडीशन है. यह एक अनुवांशिक बीमारी है.इस कंडीशन में अक्सर खेलते हुए, जिम करते हुए कार्डियक अरेस्ट से युवाओं की मृत्यु हो जाती है. ये एक ऐसी स्थिति है जो हृदय की मांसपेशियों को मोटा कर देती है.आमतौर पर खराब लाइफस्टाइल के कारण ऐसा होता है. हृदय की मोटी हुई मांस पेशियां हृदय के लिए रक्त पंप करना कठिन बना सकती है. हृदय चैंबर की दीवारें मोटी और कठोर हो जाती है, जिससे रक्त की मात्रा कम हो जाती है.हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी कंडीशन वाले कुछ लोगों में लक्षण नहीं होते हैं जबकि कुछ लोग एक्सरसाइज के दौरान लक्षण महसूस कर सकते हैं. कुछ लोगों में लक्षण तब दिखाई देते हैं जब ब्लड वेसल पहले से मोटी हो चुकी होती है. आमतौर पर उन्हें सीने में दर्द या शारीरिक परिश्रम के साथ बेचैनी होती है.

डायबिटीज अब शुरुआती दिल के दौरे के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक के रूप में उभर रहा है. अगर आपको डायबिटीज है तो आप को हृदय रोग विकसित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में 4 गुना अधिक है जिन्हें ये नहीं है. यह एक फैक्ट है कि हाई ब्लड शुगर लेवल आपके रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है. बदले में धमनियों में वसा के जमाव की संभावना बढ़ जाती है.

आजकल बुजुर्गों से ज्यादा युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या देखने को मिल रही है. हाई ब्लड प्रेशर की वजह से हृदय की मांसपेशियों मोटी हो जाती है, और ये ठीक से काम नहीं कर पाता. ये ब्लड वेसल को भी नुकसान पहुंचाता है और इस प्रक्रिया में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.

वैसे आप स्वस्थ हो सकते हैं लेकिन आपका वजन जरूरत से ज्यादा है तो आप अपने सभी अंगों पर ज्यादा काम करने का दबाव डाल रहे हैं. इसमें आपका दिल भी शामिल है. आप ज्यादा मोटे इसलिए हो जाते हैं क्योंकि आप फास्ट या प्रोसैस्ड फूड खाने के आदी हो जाते हैं. अगर आपको लगता है कि आप ready-to-eat या प्रीमेड मिली पैकेज का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये आपके घर का खाना नहीं है. इसमें भी ट्रांस फैट, शुगर और अतिरिक्त नमक होता है, जो रक्त वाहिकाओं में घनत्व वाले लिपॉप्रोटीन या खराब कोलेस्ट्रॉल के जमाव को तेज करने के लिए जिम्मेदार हुए हैं.

युवा वयस्कों में दिल का दौरा पड़ने के लिए सिगरेट प्रमुख जोखिम कारक हैं.धूम्रपान न करने वालों की तुलना में एक दिन में एक पैक धूम्रपान करने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा दोगुना हो सकता है.सिगरेट के धुएँ में रसायन रक्त को गाढ़ा करते हैं और धमनियों के अंदर थक्के बनाते हैं.

ज्यादातर लोगों को लगता है कि वो अपने शरीर को शेप में लाने के लिए जिम जा रहे हैं, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि बहुत सारे जिम ट्रेनर क्वालिफाइड नहीं होते हैं. उन्हें हेल्थ कंडीशन और एक्सरसाइज के रूटीन के बारे में जानकारी नहीं होती है. वो हर दिन आपको ज्यादा से ज्यादा जिम करने की सलाह देते हैं जो आपके लिए सही नहीं है.

जिन रोगियों को पहले हार्ट अटैक आ चुका है उन्हें दूसरा अटैक आने का भी खतरा बना रहता है ऐसे में उन्हें बहुत ही अनुशासनात्मक तरह से रहने की जरूरत है.

टाइम टू टाइम स्क्रीनिंग टेस्ट करवाएं

फैमिली हिस्ट्री को कभी इग्नोर ना करें.

जिम की सदस्यता आपके मेडिकल टेस्ट से अटैचड होनी चाहिए.

क्वालिफाइड जिम ट्रेनर ही चुनें

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