जानिए,प्रेग्नेंसी में ‘टॉनिक’ से कम नहीं है नींबू का रस

महिलाओं की बॉडी पुरुषों के सापेक्ष पहले से ही सेंसटिव होती है. वहीं, प्रेग्नेंसी के दौरान ये संवेदनशीलता और अधिक बढ़ जाती है. महिलाओं को इस दौरान अपने खानपान पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है. खराब खानपान का असर मां के स्वास्थ्य पर तो पड़ता ही है, गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी निगेटिव इफेक्ट पड़ता है. इस समय महिलाओं को जी मिचलाना, मितली आना जैसी शिकायत हो सकती है. ऐसे में नींबू बेहद लाभकारी हो सकता है. आज जानने की कोशिश करेंगे कि नींबू का रस गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदा कर सकता है?

नींबू के रस के कुछ नुकसान भी हैं. अधिक खट्टा नींबू होने पर दांत खराब होने का डर रहता है. पेरियोडोंटल जैसी दिक्कत हो सकती है. वहीं अधिक नींबू खाने पर एसिडिटी और सीने में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. पेट में दर्द, अपच जैसी परेशानी हो सकती है.

नींबू विटामिन सी से भरपूर होता है. कोविड काल में इसका प्रयोग बढ़ा है. प्रेग्नेंसी पीरियड में नींबू का जूस पीना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. इससे गर्भ मेें पल रहा बच्चा भी हेल्दी होता है.

प्रेग्नेंसी में जी मिचलाना, उल्टी जैसी शिकायतें देखने को मिल सकती हैं. कई स्टडी में सामने आया कि गर्भावस्था में नींबू मितली और उल्टी में राहत देने का काम कर सकता है.

गर्भवती और बच्चे को जन्म दे चुकी महिलाओं के डिहाइड्रेट होने का खतरा रहता है. चूंकि बच्चा और मां दोनों को ही लिक्विड की जरूरत होती है. महिला को डेली लाइफ में 300 कैलोरी की वृद्धि करनी चाहिए. इसमें नींबू का रस बेहतर विकल्प हो सकता है.

नींबू में लगभग 6.38 माइक्रोग्राम फोलेट होता है. प्रेग्नेंसी में फोलेट की अधिक जरूरत होती है. यह भ्रूण के नर्वस सिस्टम को विकसित करने में मदद करता है. हालांकि फोलेट के लिए पालक, एवोकाडो जैसे विकल्प आजमाए जा सकते हैं.

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