Woman blowing in a tissue in a cold winter with a snowy mountain in the background

ऐसे जानिए कहीं आप एलर्जिक राइनाइटिस के चपेट में तो नहीं

अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोग धूल मिट्टी के संपर्क में आते ही छींंकने खांसने लगते हैं..कुछ लोगों का छींक-छींक कर बुरा हाल हो जाता है, दरअसल ये एक तरह की नाक की एलर्जी होती है.नाक हमारे शारीरिक क्रियाओं में एक बहुत ही अहम रोल निभाती है, ये सांस के साथ शरीर में प्रवेश करने वाले धूल कणों और हानिकारक पदार्थो को रोकती है.

अमेरिकन एकेडमी ऑफ एलर्जी, अस्थमा और इम्यूनोलॉजी के अनुसार, अमेरिका में लगभग 8 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी तरह से एलर्जी राइनाइटिस का अनुभव करते हैं. दुनिया भर में 10 से 30 फीसदी लोगों में एलर्जिक राइनाइटिस होता है जैसे ही व्यक्ति घूल, कण, जानवर के संपर्क में आता है उसे ये एलर्जी हो जाती है.

नाक बहना
नाक में खुजली होना
कानों में अजीब सी आवाज आना
आंखों में पानी आना
आंखें लाल हो जाना
गले में खुजली होना
चेहरे में भारीपन आना
कान में खुजली होना
अगर यह लक्षण 10 से 15 दिन तक रहते हैं तो हमें सांस लेने में भी तकलीफ होती है और चेहरे पर सूजन भी आ जाती है.. अगर एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षण माइल्ड होते हैं तो हम आराम से सो पाते है, लेकिन अगर यही लक्षण बढ़ा जाते हैं तो रात में सोने की क्षमता कम हो जाती है.अगर ये लक्षण दिखने के बाद समय पर इसका इलाज न किया जाए तो शरीर में यह गंभीर बीमारी को जन्म दे सकता है जैसे अस्थामा सूखी खांसी और निमोनिया जैसी रोग हो सकते.

एलर्जी राइनाइटिस दो तरह के होते हैं मौसमी और जीर्ण..मौसमी राइनाइटिस ज्यादातर वसंत और शरद ऋतु में होता है जो बाहरी एलर्जी के कारण होता है. क्रॉनिक राइनाइटिस साल के दौरान कभी भी हो सकता है और ज्यादातर घर में पेंट. स्प्रे, धूल के कण जैसे इंडोर पदार्थ के कारण होता है.तापमान में उतार-चढ़ाव अचानक ठंड, सिगरेट के धुएं के संपर्क में आना,हेयर स्प्रे,इत्र, लकड़ी कोयले के धुएं,सहित अन्य कारक एलर्जी राइनाइटिस को बढ़ा सकते हैं.

एलर्जीक राइनाइटिस का आय़ुर्वेदिक इलाज
अदरक को उबालकर इसका पानी पिएं
हल्दी का काढ़ा पिएं
लॉन्ग की चाय का सेवन करें
विटामिन से भरपूर फूड्स का सेवन करें
पुदीने की चाय पिए

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