आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप मंजूर नहीं: राजनाथ सिंह

नयी दिल्ली (एजेंसी/वार्ता): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत एक आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में उभरा है जो सामूहिक कल्याण के लिए मिलकर काम करने में विश्वास करता है, लेकिन वह आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप को किसी भी हालत में मंजूर नहीं करेगा। सिंह ने शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम में यह बात कही।

उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कूटनीति, विश्वसनीयता और नेतृत्व गुणों को दिया, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को ’एजेंडा-सेटर’ में बदल दिया है। उन्होंने कहा, “भारत ने आज खुद को वैश्विक उच्च स्तर पर खड़ा कर लिया है।“ उन्होंने कहा कि हमारी शांतिप्रिय प्रकृति और आत्मसम्मान को दुनिया द्वारा मान्यता और सम्मान दिया जा रहा है।

संघर्ष प्रभावित यूक्रेन से 22,500 से अधिक भारतीयों को निकालने के लिए शुरू किए गए ‘ऑपरेशन गंगा’ का उल्लेख करते हुए श्री सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री की रूस, यूक्रेन और अमेरिका के राष्ट्रपतियों के साथ बातचीत के बाद संभव हो सका। उन्होंने इसे एक वैश्विक नेता के रूप में पूरे विश्व में श्री मोदी की विश्वसनीयता और स्वीकृति का प्रमाण बताया।

राष्ट्र के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में, भारत पिछले साढ़े आठ वर्षों में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा, ‘2014 से पहले भारत ‘फ्रेजाइल फाइव’ देशों में शामिल था। आज, हम उस श्रेणी से बाहर निकल गए हैं और दुनिया की ‘शानदार पांच’ अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गए हैं।

सिंह ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए सरकार के प्रयासों के कारण, भारत विनिर्माण की मुख्यधारा में शामिल हो गया है और अब आईएनएस विक्रांत जैसे स्वदेशी विमानवाहक पोत का उत्पादन कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान निजी क्षेत्र के साथ-साथ राष्ट्र के विकास के लिए उनकी भागीदारी बढ़ाने पर है और विदेशी कंपनियों को ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के लिए आमंत्रित किया है।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता को बढ़ावा लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा 3,700 से अधिक मदों की सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण रक्षा निर्यात अब 14,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है, जो 2014 में 900 करोड़ रुपये था।

उन्होंने भरोसा जताया कि 2023 तक रक्षा निर्यात 19,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा और हम 2025 तक 25,000 करोड़ रुपये के निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत के पास उम्मीद, नीति की स्थिरता और नेतृत्व की गुणवत्ता है।

उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत के प्रबंधन पर विभिन्न देशों और संगठनों द्वारा की गई सराहना के बारे में बात की। उन्होंने कहा, महामारी के दौरान, भारत ने न केवल मास्क, पीपीई किट का निर्माण किया और स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना की, बल्कि कई देशों की मदद भी की। उन्होंने कहा, ‘हमने लगभग 100 देशों को कोविड वैक्सीन की आपूर्ति भी की। अब तक टीके की दो बिलियन 19 करोड़ से अधिक खुराक उपलब्ध कराना हमारे टीकाकरण कार्यक्रम की एक बड़ी उपलब्धि है।

भारत के जी-20 की अध्यक्षता पर सिंह ने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और वैश्विक कल्याण की भावना से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री ने इन कार्यक्रमों के माध्यम से भारत के संकल्प को उन देशों के विकास के साथ साझा करने का निर्णय लिया है, जो अभी तक कोविड-19 से उबर नहीं पाए हैं। इन जी-20 आयोजनों का विषय ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है जिसके माध्यम से विकास का समावेशी और निर्णायक रोडमैप तैयार किया जाएगा।

-एजेंसी/वार्ता

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