शरीर में अगर लंबे समय तक नमक की कमी बनी रहे तो इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं

हमारे शरीर के लिए नमक बहुत जरूरी है. नमक की मात्रा कम या ज्यादा होने पर व्यक्ति को हेल्थ संबंधी प्रॉब्लम हो सकती हैं. ‘जनरल ऑफ फैमिली मेडिसिन एंड प्रायमरी केयर’ के अनुसार, भारत में लगभग 20 करोड़ से ज्यादा लोगों में आयोडीन की कमी होने से आईडीडी का खतरा बढ़ गया है. इसके अलावा 7 करोड़ से ज्यादा लोग गॉइटर और अन्य आईडीडी से पीड़ित हैं.

‘वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन’ यानी डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया भर में 2 अरब से ज्यादा लोग आयोडीन की कमी से पीड़ित हैं. विशेषकर गरीब देशों में आयोडीन की कमी ज्यादा देखने को मिलती है, क्योंकि यहां लोग पौष्टिक भोजन नहीं खाते. दूसरी तरफ बड़े-बड़े शहरों में भी लोगों में आयोडीन की कमी पाई गई है, क्योंकि उनका खानपान ठीक नहीं हैं. डॉक्टर वार्शिनी पंगा के मुताबिक, एक हेल्दी व्यक्ति की तुलना में एक प्रेग्नेंट महिला को ज्यादा आयोडीन की जरूरत होती है. शरीर में आयोडीन की कमी होने से प्रेग्नेंट महिला को कई गंभीर परेशानियां हो सकती हैं.

आयोडीन की कमी होने पर शरीर क्या संकेत देता

बाल झड़ना
त्वचा में रूखापन
वजन बढ़ना
कमजोरी आना
नींद अधिक आना
ह्रदय गति रुकना
याददाश्त कमजोर होना
मांसपेशियों में दर्द होना
अचानक केलोस्ट्रोल लेवल का बढ़ना
कॉन्स्टिपेशन या कब्ज
ज्यादा ठंड लगना
पीरियड्स का सामान्य से अधिक होना

आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियां

हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी अन्य बीमारियां
महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. जैसे अवसाद और बांझपन
आयोडीन की कमी के कारण महिलाओं के प्रेग्नेंट होने की संभावना 46 फ़ीसदी तक कम हो जाती है.
शरीर में थायराइड हार्मोन की कमी से बच्चे पर असर पड़ता है.
नवजात बच्चे का कमजोर होना, समय से पहले जन्म/मृत्यु जन्म
शिशुओं में जन्मजात दोष, बौनापन आदि समस्याएं हो सकती हैं.

कैसे टेस्ट होती है आयोडीन की कमी

यूरिन टेस्ट

आयोडीन की कमी पता करने का सबसे सरल और क्विक तरीका यूरिन टेस्ट है. यूरिन टेस्ट में कुछ मिनटों में रिजल्ट मिल जाता है. हालांकि यह रिजल्ट अन्य जांच तरीकों की तुलना में सटीक परिणाम नहीं देता है.

ब्लड टेस्ट

ब्लड टेस्ट करके भी शरीर में आयोडीन की कमी नापी जा सकती है. यूरिन टेस्ट के मुकाबले ब्लड टेस्ट रिजल्ट देने में समय लगाता है. यह यूरिन टेस्ट के मुकाबले अधिक विश्वसनीय होता है.

आयोडीन पैच टेस्ट

आयोडीन पैच टेस्ट में डॉक्टर आपकी त्वचा पर आयोडीन का एक पैच लगा देता है और 24 घंटे बाद इसमें हुए बदलाव की जांच की जाती है. जिन लोगों में आयोडीन की कमी नहीं होगी या शरीर में पर्याप्त नमक की मात्रा है, उस स्थिति में इस पैच का रंग हल्का नहीं पड़ता. लेकिन, जिन लोगों में आयोडीन की कमी होती है उनकी त्वचा 24 घंटे के भीतर ही आयोडीन को त्वचा के अंदर अब्सॉर्ब कर लेती है.

आयोडीन लोडिंग टेस्ट

इस टेस्ट की मदद से यह जांचा जाता है कि आप 24 घंटे की अवधि में पेशाब के माध्यम से कितना आयोडीन शरीर से बाहर निकाल देते हैं. यह टेस्ट अन्य टेस्ट के मुकाबले अधिक समय लेता है और इसमें व्यक्ति को थोड़ा तकलीफ होती है.

आयोडीन की कमी को दूर करने के लिए करें इन चीजों का सेवन

आयोडीन युक्त नमक
आलू
ब्राउन राइस
ऐसे विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट जिसमें आयोडीन शामिल होता है
लहसुन, मछली, अंडे और दही आदि

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