क्या सच में पीरियड्स में चॉकलेट खाने से दर्द में मिलती है राहत,जानिए

ज्यादातर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द होता है. पेट, कमर और जांघों में होने वाला दर्द इतना ज्यादा होता है कि शरीर अकड़ जाता है. कुछ महिलाएं दर्द से छुटकारा पाने के लिए पीरियड्स पेन किलर टेबलेट का इस्तेमाल करती हैं, जबकि कुछ महिलाएं चॉकलेट का सहारा लेती हैं. कई महिलाएं ऐसा मानती हैं कि पीरियड्स में चॉकलेट खाने से उन्हें काफी हद तक दर्द से राहत मिलती है. चॉकलेट उन फूड आइटम्स में से एक है, जो महिलाओं को पीरियड्स के दौरान सबसे ज्यादा पसंद आता है.

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि हार्मोनल चेंजेस आपको उन फूड आइटम्स के लिए तरसाते हैं, जो आपको पीरियड्स के दौरान आराम प्रदान करते हैं. यही वजह है कि ज्यादातर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान चॉकलेट खाने की तलब लगती है. एनसीबीआई की एक स्टडी के मुताबिक, कॉलेज में 28.9 प्रतिशत महिलाओं ने अपने पीरियड्स के दौरान चॉकलेट खाने की इच्छा की बात कबूली है.

डार्क चॉकलेट पीरियड्स के लिए एक अच्छी चॉकलेट समझी जाती है. इसमें जरूरी विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो मासिक धर्म के दर्द को कम करने में मदद करते हैं. महिलाओं में पीरियड्स से ठीक पहले इन्हें खाने की इच्छा पैदा होती है.

एनसीबीआई के मुताबिक, चॉकलेट खाने से महिलाओं का मूड अच्छा रह सकता है और वे खुश महसूस करती हैं. डार्क चॉकलेट में सेरोटोनिन, एक एंटीडिप्रेसेंट होता है, जो आपको आराम पहुंचाने में मदद करता है. डार्क चॉकलेट में शामिल फ्लेवनॉल्स मूड को बेहतर बनाने और आनंदमयी अनुभूति देने का काम करता है.

चॉकलेट पीरियड्स के दौरान महिलाओ में पैदा होने वाले तनाव को कम करता है. मासिक धर्म के कारण होने वाले दर्द की वजह से घर के काम या अन्य कार्यों को करने में कठिनाई महसूस होती है. चॉकलेट, कोर्टिसोल के लेवल को कम करती है, जो एक तनाव पैदा करने वाला हार्मोन है.

चॉकलेट पीरियड क्रैम्प्स की समस्या को दूर करने में मददगार है. कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द होता है. चॉकलेट उन क्रैम्प्स का सबसे अच्छा सॉल्यूशन है. डार्क चॉकलेट में फिनोल और फ्लेवोनोइड्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं. साथ ही साथ कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, ओमेगा-3 और 6 की कुछ मात्रा और मैग्नीशियम जैसे- मिनरल्स होते हैं.

पीरियड्स के दौरान पसंदीदा खाने की क्रेविंग होना नॉर्मल बात है. पीरियड्स के दौरान प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजेन का प्रोडक्शन कम हो जाता है, जिससे पसंदीदा फूड आइटम्स के लिए आपकी क्रेविंग बढ़ जाती है.

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