क्या आप भी सुबह उठते ही अपने शरीर में दर्द महसूस करते हैं,जानिए इससे बचने का तरीका

सर्दियों में लोगों को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है खास करके उन लोगों को जो ठंडी हवा के संपर्क में आते रहते हैं. बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो सुबह उठते ही अपने शरीर में दर्द का अनुभव करते हैं. हमेशा थका थका महसूस करते हैं, चाहे उन्होंने अच्छी नींद ही क्यों न ली हो. तापमान में बदलाव आपको अस्वस्थ बनाता है वहीं जिन लोगों को गठिया है उनके जोड़ों में तेज दर्द हो सकता है.विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दियों में शरीर की गतिविधि पर रोक लग जाती है. लोग कम मूवमेंट करते हैं और यही कारण है कि ज्यादातर लोगों को शरीर में दर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है. एक्सपोर्ट बताते हैं कि जब हम सर्दियों में व्यायाम नहीं करते हैं और चलने फिरने में कमी होती है तो इसका परिणाम आमतौर पर शरीर को भुगतना पड़ता है, बहुत सारे लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें सिर दर्द, पेट या गर्दन में अकड़न महसूस करते हैं.खास कर ये समस्या उन लोगों को होती है जो लोग बाइक चलाते हैं.सर्दियों में धूप में सीमित रहने से विटामिन डी का लेवल कम हो जाता है, जो हड्डियों और जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है.

अगर आप बुजुर्ग हैं या आपको पहले से घटिया है तो आप ठंड के मौसम से अधिक प्रभावित होते हैं व्यायाम की कमी से समस्या और बढ़ जाती है जिससे अधिक दर्द होता है ऐसे में आपको हमेशा शारीरिक गतिविधि करते रहना चाहिए.आपको किसी ना किसी प्रकार के दैनिक व्यायाम या गतिविधि में शामिल होना चाहिए ताकि प्रभावित क्षेत्रों में कुछ लचीलापन आ सके.

हाइड्रेट रहना तो साल भर जरूरी होता है लेकिन ये सर्दीयों में सबसे जरूरी होते हैं.जब धूप और गर्मी होती है तो आप खूब पानी पीने पर विचार करते हैं लेकिन सर्दीयों में ड्राई एअर आपको डिग्रेशन से दर्द का एहसास कराती है ऐसे में खूब पानी पीना ना भूले.

सर्दियों में ठंडी हवा लगने से शरीर में दर्द और अकड़न की समस्या बढ़ जाती है, ऐसे में इससे बचने के लिए कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा घर में ही रहें लेकिन अगर किसी काम की वजह से बाहर निकल रहे हैं,तो फुल स्लीव्स के कपड़े, स्वेटर और सिर को अवश्य ढकें

बुजुर्ग या युवा कोई भी जो जोड़ों में दर्द का अनुभव करते हैं इससे बचने के लिए विटामिन सी,डी और के युक्त भोजन करें. जाड़े के मौसम में पालक, गोभी टमाटर और संतरे जैसी चीजें खाने में शामिल करें. इनमें कैल्शियम और अन्य खनिज होते हैं जिससे हड्डियां और जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जाता है.

मांसपेशियों को आराम देने और जोड़ों के दर्द से बचने के लिए स्ट्रेचिंग व्यायाम सबसे अच्छा है. इसके अलावा नियमित व्यायाम में साइकिल चलाना, पैदल चलना एरोबिक एक्सरसाइज को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं इससे आपको बहुत फायदा मिलेगा.

धूप के संपर्क में आए और यहीं से विटामिन डी पाएं अक्सर लोगों को वक्त की कमी के चलते धूप के संपर्क में आने का वक्त नहीं मिलता है.ऐसे में मांस पेशियों या लिगामेंट में कम लचीलापन होता है जो मूवमेंट होने पर बहुत थकान और मांसपेशियों में दर्द का अनुभव देता है. ऐसे व्यक्ति को जब भी संभव हो दिन के दौरान धूप में रहना चाहिए, क्योंकि इससे मसल्स का स्टीफनेस बहुत कम होता है

सुबह उठते ही वार्म अप करने और साधारण जॉइंट स्ट्रेच करने से मदद मिल सकती है.इसके अलावा, गर्म पानी पीने से भी फायदा होगा. “रूम हीटर का उपयोग करना एक अच्छा विचार है, विशेष रूप से गठिया के रोगियों के लिए. नियमित व्यायाम, एक स्वस्थ आहार, ओमेगा -3 जैसे पूरक भी दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं.

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