विदेश भेजने का झांसा देकर ठगी करने वाला एजेंट दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा

नयी दिल्ली (एजेंसी/वार्ता): दिल्ली पुलिस ने लोगों को विदेश भेजने का झांसा देकर उनके साथ ठगी करने वाले एक गिरोह के मुख्य षडयंत्रकारी एजेंट को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि गौरव गोसाईं नाम का यह शातिर मानव तस्कर दुबई और अमेरिका में छिप कर रहता था गोसाईं के खिलाफ निगरानी नोटिस जारी था और उसे 08 दिसंबर को रोहिणी, दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार वह अक्सर भारत यात्रा करता था।

पुलिस के अनुसार जून में गोसाईं नेपाल के रास्ते सड़क मार्ग से अवैध रूप से भारत में दाखिल हुआ था। वह भारत में वर्चुअल इंटरनेशनल नंबरों का इस्तेमाल कर रहा था और व्हाट्सएप कॉल्स का इस्तेमाल कर रहा था। तकनीकी निगरानी के माध्यम से और उसके फोन कॉल रिकॉर्ड की सूक्ष्मता से जांच करने के बाद पुलिस टीम ने कई स्थानों पर छापेमारी की और अंत में उसे रोहिणी इलाके में पकड़ा।

पुलिस ने एक विज्ञप्ति में आज बताया कि इस कार्रवाई में 34 अंतरराष्ट्रीय पासपोर्ट, चार फर्जी वीसा सहित अन्य कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद किए गए।पुलिस ने इससे पहले दिल्ली और पंजाब स्थित के दो एजेंटों गिरफ्तार किया गया था।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इससे पहले चार यात्रियों और दो एजेंटों को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया था और संबंध में संबंधित था में दो एफआईआर दर्ज करायी गयी थी। पुलिस के अनुसार व्यवहार का पता लगा कर इसी वर्ष 16 मार्च को तीन यात्रियों सुच्चा सिंह, सुरजीत सिंह और अमनदीप सिंह विस्तारा एयरलाइंस से पेरिस जाने वाले थे। संदिग्ध पाए जाने पर उन्हें एयरलाइंस द्वारा उतार दिया गया था।

उनके पासपोर्ट पर चिपकाए गए वीज़ा संदिग्ध दिखाई दिए। एयरलाइंस द्वारा जर्मन दूतावास को भेजा गया था, जिसने जांच के बाद तीनों वीजा को नकली और नकली घोषित कर दिया था। इस संबंध में भारतीय आप्रवासन विभाग को धोखा देने की कोशिश के मामले में अपराध प्रक्रिया संहिता की विभिन्न धाराओं और पासपोर्ट अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में प्राथमिकी संख्या 100/22 दर्ज की गयी थी। इसी तरह इसी वर्ष 24 मार्च एक यात्री सुशील कुमार नाम के एक व्यक्ति का वीजा भी संदिग्ध पाया गया जो एयर इंडिया की उड़ान से पेरिस जा रहा था। इस मामले भी एक और प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गयी थी।

पहली एफआईआर की जांच के दौरान आरोपी यात्री सुच्चा सिंह, सुरजीत सिंह और अमनदीप सिंह को गिरफ्तार पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वे कुछ साझा मित्र के माध्यम से उत्तमनगर, दिल्ली निवासी एजेंट गुरविंदर सिंह मोखा दिल्ली और संदीप कुमार, निवासी रोपड़, पंजाब के सम्पर्क में आए थे। एजेंटों ने उन्हें कुल 45 लाख रुपये में तीन (15 लाख रुपये प्रत्येक) नकली वीजा प्रदान किया जाएगा। सौदा 36 लाख रुपये में तय हुआ था और तीनों यात्रियों ने कथित एजेंटों को 5,00,000 रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। पुलिस ने जांच के दौरान इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया था।

आरोपी एजेंटों ने उन्हें अपने सहयोगी और मुख्य षडयंत्र कारी गौरव गोसाईं से मिलवाया जो दुबई में बैठकर दिल्ली से मानव तस्करी का गोरखधंधा चलाता है। चौथे यात्री सुशील कुमार ने पूछताछ में भी बताया कि उसके भाई ने उसे गोसाईं से मिलवाया था जो उसके दुबई में मिला था। उसने 50 हजार रूपए अग्रिम में दिए थे और बाकी 12 लाख रुपये यूरोप पहुंचने पर दिए जाने थे।

-एजेंसी/वार्ता

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