नयी दिल्ली (एजेंसी/वार्ता): लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने गुरूवार को संसद परिसर में युवा उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि कानून लोगों के कल्याण के लिए होते और युवाओं को संविधान तथा विधायी बहस से परिचित होना चाहिए। इस अवसर पर आज यहां श्री बिरला ने कहा कि कानून लोगों के कल्याण के लिए होते हैं और प्रभावी कानून जनप्रतिनिधियों के बीच गुणवत्तापूर्ण चर्चा तथा संवाद का परिणाम होते हैं।
इस संदर्भ में उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए अपनी बुद्धि और ज्ञान का उपयोग करें। उन्होंने रेखांकित किया कि युवाओं को सरकार के फैसलों और नीतियों में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य हमारी जीवन शैली है। यह जिक्र करते हुए कि भारत ने अपने संविधान के माध्यम से लोकतंत्र को समृद्ध बनाया है।
उन्होंने कहा कि हमारी परंपराएं और संस्कृति जीवन के सभी क्षेत्रों में लोकतांत्रिक मानदंडों का पालन करती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की जड़ें इसकी परंपरा और संस्कृति में हैं। भारत की विविधता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी विविधता ही हमारी ताकत है और हमारा लोकतंत्र इसी विविधता पर फलता-फूलता है। हमारे संविधान, जो दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, ने लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के बल पर भारत की विविधता और लोकतंत्र को पल्लवित किया है।
भारतीय लोकतंत्र की जीवंतता और शक्ति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ अन्य देशों के विपरीत, हर चुनाव के बाद सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण भारतीय लोकतंत्र की ताकत और चरित्र को उजागर करता है। राष्ट्र की समृद्धि में संसद की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि समय के साथ संसद ने राष्ट्र की प्रगति में योगदान दिया है।
लोकसभा अध्यक्ष ने भारतीय युवाओं की शक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के युवा अपने सकारात्मक दृष्टिकोण, योग्यता और समृद्ध सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत के बल पर देश की प्रगति में नए आयाम जोड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान जी-20 की भारत की अध्यक्षता जैसी महत्वपूर्ण वैश्विक जिम्मेदारी देश और लोगों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन का विषय ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है जो भारत के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के दर्शन के अनुरूप है।
-एजेंसी/वार्ता
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