राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि आज़ादी के 75 वें वर्ष में देश भर में अनेक कार्यक्रम हुए जिससे 75 साल बाद युवा पीढ़ी ने फिर स्वतन्त्रता संग्राम के उस कालखंड को जिया।
श्रीमती मुर्मु ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन बुधवार को यहां दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन काे संबोधित करते हुए कहा कि हमारे संविधान के लागू होने का 75वां वर्ष है। इसी कालखंड में आज़ादी के 75 वर्ष का उत्सव, अमृत महोत्सव भी संपन्न हुआ है। इस दौरान देश भर में अनेक कार्यक्रम हुए। देश ने अपने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। युवा पीढ़ी ने 75 साल बाद फिर स्वतन्त्रता संग्राम के उस कालखंड को जिया।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल में हुए उत्सव के दौरान ‘मेरी माटी, मेरा देश अभियान’ के तहत, देश भर के हर गाँव की मिट्टी के साथ अमृत कलश दिल्ली लाए गए। दो लाख से ज्यादा शिला-फलकम स्थापित किए गए। तीन करोड़ से ज्यादा लोगों ने पंच प्राण की शपथ ली। सत्तर हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बने। दो लाख से ज्यादा अमृत वाटिकाओं का निर्माण हुआ। दो करोड़ से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए गए। सोलह करोड़ से ज्यादा लोगों ने तिरंगे के साथ सेल्फी अपलोड की।
राष्ट्रपति ने कहा कि अमृत महोत्सव के दौरान ही कर्तव्य पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित की गई।
राष्ट्रीय राजधानी में देश के अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित म्यूजियम खोला गया। शांति निकेतन और होयसला मंदिर वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल हुए। साहिबज़ादों की याद में वीर बाल दिवस घोषित हुआ। भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया गया। विभाजन की विभीषिका को याद करते हुए, 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस घोषित किया गया।
– एजेंसी