यूपीआई (UPI) – जिसे आज देश का सबसे भरोसेमंद डिजिटल पेमेंट सिस्टम माना जाता है – इन दिनों लगातार आउटेज की समस्याओं से जूझ रहा है। हाल ही में तीन बड़े मौके ऐसे आए जब देशभर में लेन-देन प्रभावित हुआ। इसी को लेकर सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई और संबंधित अधिकारियों को इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमजोरियों को जल्द दूर करने का निर्देश दिया।
💬 क्या कहा वित्त मंत्री ने?
बैठक में वित्त मंत्री ने दो टूक कहा कि अगले 2-3 सालों में हर दिन 1 अरब यूपीआई ट्रांजैक्शन का लक्ष्य हासिल करना है। उन्होंने सिस्टम की मजबूती और भरोसे को प्राथमिकता देते हुए कहा कि तकनीकी खामियों को जल्द सुधारा जाए ताकि लोगों का विश्वास बना रहे।
🧑💼 बैठक में कौन-कौन रहे शामिल?
इस अहम बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें:
वित्त सचिव अजय सेठ
वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू
एनपीसीआई के एमडी और सीईओ दिलीप असबे शामिल थे।
📈 तेजी से बढ़ रहा है यूपीआई का दायरा
एनपीसीआई की रिपोर्ट के मुताबिक:
2021-22 से 2024-25 के बीच करीब 26 करोड़ नए यूजर्स और 5.5 करोड़ व्यापारी यूपीआई से जुड़े हैं।
सालाना करीब 45 करोड़ एक्टिव यूजर्स प्लेटफॉर्म पर बने हुए हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने, सिस्टम को बड़े पैमाने पर हैंडल करने लायक बनाने और रीयल-टाइम मॉनिटरिंग पर खास ध्यान देने की बात भी बैठक में की गई।
📲 नई कंपनियां भी बना रही हैं पकड़
यूपीआई क्षेत्र में अब कई नए खिलाड़ी भी कदम रख चुके हैं:
सुपर.मनी (Super.Money)
नवी (Navi)
क्रेड (Cred)
भीम (Bhim)
ये ऐप्स कैशबैक और आकर्षक ऑफर्स के जरिए यूजर्स को अपनी ओर खींच रहे हैं। एनपीसीआई के मुताबिक, मार्च 2025 तक इनकी बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 4% हो गई है, जो अक्टूबर 2024 में 2.3% थी।
📊 अब भी PhonePe और Google Pay का दबदबा
भले ही नए प्लेटफॉर्म आ रहे हों, लेकिन फिलहाल PhonePe और Google Pay अभी भी मिलकर 82% बाजार हिस्सेदारी पर काबिज हैं।
सरकार और एनपीसीआई की कोशिश है कि बढ़ती उपयोगकर्ता संख्या के बावजूद सर्विस की गुणवत्ता बनी रहे और तकनीकी दिक्कतों से लोग परेशान न हों।
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