हमारा शरीर कई अंगों से मिलकर बना है और हर अंग की अपनी खास अहमियत होती है। मगर अक्सर हम कुछ अंगों की देखभाल पर ध्यान नहीं देते, जिससे आगे चलकर गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा ही एक अंग है नाभि। नाभि भले ही शरीर का छोटा सा हिस्सा है, लेकिन इसके इशारे से कई स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।
नाभि क्या है और क्यों है जरूरी?
नाभि यानी बेली बटन, गर्भ में मां से जुड़े रहने का अहम हिस्सा होता है। गर्भावस्था में मां का पोषण शिशु तक नाभि के जरिए ही पहुंचता है। जन्म के बाद भले ही इसका काम खत्म हो जाता है, लेकिन यह अंग कई बार सेहत से जुड़े संकेत भी देता है।
नाभि से मिलने वाले स्वास्थ्य संकेत
🔸 संक्रमण:
नाभि में दर्द, सूजन या लालिमा होना संक्रमण का संकेत हो सकता है। इसे हल्के में न लें।
🔸 हर्निया:
अगर नाभि बाहर की तरफ निकलने लगे, तो यह हर्निया का लक्षण हो सकता है। हर्निया तब होता है जब आंतरिक अंग या मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
🔸 एसाइटिस:
नाभि के आसपास नसों का फैलना और सूजन आना एसाइटिस की निशानी हो सकती है। यह स्थिति पेट में तरल पदार्थ के जमा होने के कारण होती है और इसका समय पर इलाज बेहद जरूरी है।
🔸 अम्बिलिकल ग्रेनुलोमा:
नवजात शिशुओं में नाभि के आसपास लालिमा और सूजन अम्बिलिकल ग्रेनुलोमा का लक्षण हो सकता है। समय रहते इसका इलाज जरूरी है, वरना संक्रमण फैल सकता है।
नाभि की देखभाल कैसे करें?
नाभि को रोजाना साबुन और पानी से साफ करें।
नाभि को अच्छी तरह सुखाना न भूलें, क्योंकि गीली नाभि में बैक्टीरिया और फंगस पनप सकते हैं।
अगर नाभि में किसी भी तरह की असामान्यता नजर आए, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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