जब आपकी किडनी ठीक से काम कर रही होती है तो आपके शरीर के ज्यादातर अंग सुरक्षित रहने की संभाना कहीं अधिक होती है. क्योंकि किडनी (Kidney) शरीर के उन महत्वपूर्ण अंगों में शामिल है, जो जीवित रहने के लिए बेहद जरूरी है. किडनी में किसी भी तरह की बीमारी (Disease) बढ़ने लगा या कोई इंफेक्शन (Kidney Infection) फैलने लगे तो किडनी शुरुआती स्तर पर ही कई संकेत देने लगती है.
सबसे पहला लक्षण
कोई इंफेक्शन फैलनी की बात हो या फिर डिहाइड्रेशन की समस्या सबसे पहले किडनी यूरिन के कलर में बदलाव के जरिए आपको आगाह करने का प्रयास करती है. जब कोई इंफेक्शन फैलता है तो यूरिन का रंग क्लाउडी या मटमैला-सा हो जाता है. यूरिन की मात्रा बहुत कम या ज्यादा हो जाती है या फिर फ्रिक्वेंसी यानी यूरिन जाने की संख्या में घटाव या बढ़ोतरी हो जाती है. जबकि डिहाइड्रेशन होने पर यूरिन का रंग बहुत पीला हो जाता है.
बहुत अधिक थकान
शरीर में प्रवाहित हो रहे रक्त में लाल रक्त कणिकाओं (RBC)की मात्रा सही बनी रहे इसके लिए किडनी का स्वस्थ होना भी बहुत जरूरी है. लेकिन जब किडनी हेल्दी नहीं होती हैं तो आरबीसी की संख्या में कमी होने लगती है. इसकी वजह शरीर में ऑक्सीजन की कमी होना होता है.
त्वचा की समस्याएं
किडनी की समस्या होने पर त्वचा पर दाने, ऐक्ने, खुजली, एग्जिमा इत्यादि समस्याएं होने लगती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किडनी शरीर को डिटॉक्स (Body Detox) करने का काम करती है.
सांस से जुड़ी समस्याएं
किडनी में कोई समस्या फैल रही होती है तो इसका असर आपकी श्वांस पर भी होता है. आप नोटिस करेंगे कि ऐसी स्थिति में आपकी श्वांस लगातार छोटी हो रही होती है (Shortness Of Breath).
सांसों की दुर्गंध (Bad Breath) को आमतौर पर पाचन की समस्या से जोड़कर देखा जाता है.
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