जाने,माइग्रेन और सिरदर्द दोनों में क्या है अंतर

लोगों में सिरदर्द की समस्या आम है लेकिन माइग्रेन को इसी से जोड़ कर नहीं देखिएगा. दोनों में काफी अंतर होता है. दोनों के अंतर को आप को अच्छे से समझना होगा ताकि आप इसका समय रहते इलाज शुरू कर सकें. वैसे तो हमें सिरदर्द और माइग्रेन दोनों को ही नजर अंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि ये स्वास्थ से जुड़ा हुआ है और एक गंभीर बीमारी का भी रूप ले सकता है.

सिरदर्द की तरह ही माइग्रेन भी काफी आम है और दुनियाभर में विकलांगता के 10 अहम कारणों में से एक हैं. ये आपके जीवन के लिए खतरा तो नहीं है पर स्वास्थ पर इसका असर पड़ सकता है. 30 से 40 की उम्र में माइग्रेन की समस्या सबसे आम होती है.

सिरदर्द की बात करें तो ज्यादातर समय हम इस समस्या से जुझते हैं जो दबाव और लगातार दर्द का कारण बन सकता है. कभी यह हल्का होता है तो कभी गंभीर रूप ले लेता है. ज्यादातर सिरदर्द का असर आपने गर्दन या सिर पर महसूस किया होगा जिसका मतलब है तनाव, मांसपेशियों में खिंचाव और चिंता को जन्म दे सकती है.

क्लस्टर सिरदर्द इसमें आप सिरदर्द के दौरे का अनुभव करेंगे.

साइनस सिरदर्द ऐसा तब होता है जब आपको साइनस के लक्षण दिखाई दें.

चियारी सिरदर्द इस प्रकार का सिरदर्द एक जन्म दोष के कारण होता है जिसे चियारी विकृति के रूप में जाना जाता है.

थंडरक्लैप सिरदर्द इसमें 60 सेकेंड के लिए या उससे कम समय के लिए तेज से सिर में दर्द महसूस होगा.

दवाईयों के अलावा कोई भी आराम तकनीक जैसे हीट थेरेपी, मालिश, ध्यान और गर्दन को स्ट्रेच करना.

माइग्रेन में गंभीर दर्द और अन्य लक्षण जैसे मितली, एक आंख या कान के पीछे दर्द, धब्बे दिखना, रोशनी या आाज के प्रति संवेदनशीलता, आंखों की रोशनी पर असर पड़ना आदि का अनुभव होता है

कुछ लोगों को तो इतना दर्द होता है कि अस्पताल तक ले जाने की जरूरत पड़ जाती है. इसलिए आप तेज दर्द को अनुभर कर रहे हैं या किसी काम को करने असमर्थ हो रहे हैं तो यह माइग्रेन हो सकता है.

माइग्रेन को दो श्रेणिात्रयों में बांटा गया है औरास और प्रोड्रोम. औरास में व्यक्ति माइग्रेन होने से पहले सेंसशन अनुभव करेगा. इसका असर आपको 10 से 30 मिनट पहले महसूस होने लगेगा. कुछ लोगों इसके लक्षण को महसूस करने में दो दिन पहले का समय लगता है इस चरण को प्रोड्रोम स्टेज के रूप में जाना जाता है.

चिंता, गर्भनिरोधक, शराब, हार्मोनल परिवर्तन, मेनोपाॅज और खराब नींद की आदतों के कारण माइग्रेन का इजात होता है.

दवाईयों से इकसा इलाज संभव है. हालांकि इसका इलाज करने के लिए शराब और कैुीन जैसे सिरदर्द पैदा करने वाली खाद्य पदार्थों पर रोक लगाना है.

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