कमजोर हड्डियां और चिड़चिड़ापन? बच्चों में कैल्शियम डेफिशिएंसी के लक्षण

शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हर पोषक तत्व का संतुलित मात्रा में होना बेहद जरूरी है। हम अक्सर विटामिन बी-12, विटामिन डी और आयरन की कमी की चर्चा करते हैं, लेकिन एक अहम न्यूट्रिएंट और है जिसकी कमी शरीर को कमजोर बना सकती है—वह है कैल्शियम। इसकी कमी से हड्डियां, दांत और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। छोटे बच्चों में यह समस्या गंभीर हो सकती है क्योंकि इससे उनकी ग्रोथ रुक सकती है। अगर आपके बच्चे के शरीर में कैल्शियम की कमी है, तो ये 3 मुख्य संकेत दिखाई दे सकते हैं।

कैल्शियम की कमी के संकेत
1️⃣ पैरों में दर्द और बेचैनी
बच्चों को पैरों, खासकर पिंडलियों (काफ मसल्स) में दर्द और खिंचाव महसूस होता है। यह परेशानी रात के समय ज्यादा होती है। कैल्शियम की कमी से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं जिससे असहजता बढ़ जाती है।

2️⃣ नाखूनों पर सफेद धब्बे
अगर आपके बच्चे के नाखूनों में सफेद स्पॉट्स नजर आते हैं या नाखून जल्दी टूट जाते हैं, तो यह कैल्शियम डेफिशिएंसी का संकेत हो सकता है।

3️⃣ मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन
कैल्शियम की कमी बच्चे के मूड को भी प्रभावित कर सकती है। बच्चा जल्दी चिड़चिड़ा हो जाता है और बार-बार मूड स्विंग्स का सामना करता है। लंबे समय तक यह समस्या बनी रहे तो न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं।

अन्य लक्षणों में लगातार थकान, मांसपेशियों में ऐंठन और पढ़ाई में मन न लगना शामिल हैं।

एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
डॉक्टरों के अनुसार, कैल्शियम हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए सबसे जरूरी तत्व है, लेकिन इसके साथ ही शरीर में पर्याप्त विटामिन-डी भी होना जरूरी है। विटामिन D3 कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, इसलिए डाइट में दोनों का संतुलन जरूरी है।

कैसी होनी चाहिए डाइट?
✅ दूध, दही, पनीर जैसे डेयरी उत्पाद रोजाना शामिल करें।
✅ हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी और सरसों का साग बच्चों को खिलाएं।
✅ बादाम, तिल, चिया सीड्स जैसे नट्स और बीज दें।
✅ रागी, चना, लोबिया और अन्य दालों का सेवन बढ़ाएं।
✅ रोजाना कुछ देर धूप में बैठकर विटामिन-D प्राप्त करें।

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