सिंघाड़ा, जिसे जल फल या पानी फल भी कहा जाता है, आमतौर पर छीलकर या उबालकर खाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सिंघाड़े की चाय के बारे में सुना है?
जी हां! सिंघाड़े के छिलकों से बनी यह चाय न सिर्फ बेहद फायदेमंद है, बल्कि इसका स्वाद भी खास होता है। यह चाय शरीर को डिटॉक्स करने से लेकर गले की खराश और थायराइड जैसी समस्याओं में भी राहत देती है।
🧂 सिंघाड़े की चाय बनाने की सामग्री:
1/4 कप सिंघाड़े के छिलके
2 कप पानी
1 नींबू
1/2 छोटा चम्मच गुड़ (या स्वादानुसार)
चुटकी भर दालचीनी पाउडर
👩🍳 सिंघाड़े की चाय कैसे बनाएं?
सबसे पहले सिंघाड़े के छिलकों को अच्छी तरह धो लें।
अब एक पैन में दो कप पानी उबालने के लिए रखें।
पानी उबलने लगे तो उसमें सिंघाड़े के छिलके डालें।
गैस धीमी करें और इसे 2-3 मिनट तक पकाएं।
अब इसमें गुड़ या शक्कर मिलाएं और कुछ सेकंड और पकाएं।
गैस बंद करें, फिर नींबू का रस और दालचीनी पाउडर मिलाएं।
चाय को छान लें और गरमा-गरम पिएं।
💪 सिंघाड़े की चाय के जबरदस्त फायदे:
🔹 गले की खराश में राहत:
इस चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स गले को साफ करते हैं और खराश में राहत पहुंचाते हैं।
🔹 थायराइड में लाभकारी:
थायराइड की समस्या में सिंघाड़े का छिलका फायदेमंद माना जाता है। यह हार्मोन बैलेंस करने में मदद कर सकता है।
🔹 खून को पतला करता है:
यह चाय ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है और खून को पतला करने में मदद करती है, जिससे हार्ट हेल्थ भी बेहतर होती है।
🔹 इम्युनिटी बूस्टर:
सर्दी-जुकाम के मौसम में यह चाय आपको संक्रमण से लड़ने में भी मदद कर सकती है।
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