विदिशा : हर सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला

मध्यप्रदेश चुनाव के दौरान राज्य भर में जिन विधानसभा सीटों पर सबकी निगाहें टिकीं होंगी, उनमें एक विदिशा विधानसभा सीट है।

हालांकि इस बार जिले की पांचों सीटों पर कड़े मुकाबले को देखते हुए सभी पार्टी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में शक्ति प्रदर्शन के साथ जनसंपर्क में पूरी ताकत झोंकना शुरू कर दी है। पांचों सीटों पर हालांकि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही है। जिले में एक ओर जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रतिष्ठा दांव पर है, वहीं कांग्रेस के सामने अस्तित्व बचाना और बदलाव जैसे पहलू चुनौती पेश कर रहे हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में जिले की पांचो सीटों में से केवल एक, विदिशा में कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी। पार्टी प्रत्याशी शशांक भार्गव ने यहां 15 हजार से अधिक मतों से भाजपा के मुकेश टंडन को पराजित किया था। दिलचस्प बात ये है कि पिछली बार की तरह इस बार भी इन दोनों के बीच ही मुख्य मुकाबला होगा। भाजपा ने नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि के एक दिन पहले, लंबे इंतजार के बाद यहां से श्री टंडन को अपना प्रत्याशी घोषित किया। हालांकि श्री भार्गव का नाम कांग्रेस ने बहुत पहले ही घोषित कर दिया था।

वहीं शमशाबाद और गंजबासौदा सीट ऐसी हैं, जहां से वर्तमान विधायकों का टिकट काटकर भाजपा ने पुराने चेहरों पर दांव लगाया है। हालांकि जिले की सभी पांचो सीटों के प्रत्याशी मुख्यमंत्री श्री चौहान के करीबी माने जाते हैं। वहीं कांग्रेस ने दो नए चेहरे सिरोंज और शमशाबाद में उतरे हैं।

भाजपा 2018 में 46 वर्ष बाद ढहे अपने अभेद किले विदिशा को इस बार फिर से जीतने की पूरी कोशिश में है। वहीं कांग्रेस कमलनाथ के वचन पत्र के सहारे चुनाव मैदान में है।

गंजबासौदा विधानसभा में 2013 में चुनाव लड़ चुके भाजपा के हरिसिंह रघुवंशी और कांग्रेस के निशंक जैन फिर से आमने-सामने हैं। यहां से भाजपा ने वर्तमान विधायक लीना जैन का टिकट काट दिया है। दीगर बात ये है कि विकास के स्थान पर भाजपा का प्रचार के दौरान यहां पूरा जोर सनातन संस्कृति और धर्म पर है। कांग्रेस प्रत्याशी निशंक जैन भी यहां से विधायक रह चुके हैं।
पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के कारण चर्चा में आई जिले की सिरोंज विधानसभा से जहां पार्टी ने एक बार फिर स्वर्गीय लक्ष्मीकांत शर्मा के भाई उमाकांत शर्मा को ही चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने नए चेहरे के रूप में किसान नेता गगनेंद्र रघुवंशी पर भरोसा जताया है। अपने भाषणों से चर्चा में बने रहने वाले उमाकांत शर्मा वर्तमान विधायक हैं।

जिले की कुरवाई विधानसभा में अपनी ही पार्टी के रूठे कार्यकर्ताओं को मनाना दोनो प्रमुख पार्टियों के लिए चुनौती है। यहां भाजपा ने वर्तमान विधायक हरि सिंह सप्रे पर ही भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने नए चेहरे के रूप में महिला प्रत्याशी रानी अहिरवार को मैदान में उतारा है।

शमशाबाद सीट से वर्तमान विधायक राजश्री सिंह का टिकट काटकर शिवराज कैबिनेट के पूर्व मंत्री सूर्य प्रकाश मीणा इस बार फिर भाजपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं। कांग्रेस को इस बार फिर 2008 में श्री मीणा से चुनाव हार चुके सिंधु विक्रम सिंह पर भरोसा है। यहां भी मुकाबला बराबरी का ही माना जा रहा है। कृषि बहुल क्षेत्र शमशाबाद में हर बार की तरह सिंचाई के साधन नहर और फसल बीमा जैसे मुद्दों पर दोनों प्रत्याशी आमने-सामने हैं।

– एजेंसी