अक्सर देखा गया है कि फास्टैग में पर्याप्त बैलेंस होने के बावजूद वाहन टोल प्लाजा पर अटक जाते हैं। मशीन फास्टैग को स्कैन तो कर लेती है, लेकिन बैंक से लेन-देन पूरा नहीं हो पाता, जिससे गाड़ियाँ फंस जाती हैं और टोल पर लंबा जाम लग जाता है। इस कारण चालकों को मानसिक तनाव और टोल कर्मचारियों से विवाद जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
📊 मार्च 2025 में क्या हुआ?
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने कई बैंकों और एनबीएफसी को फास्टैग जारी करने की मंजूरी दी है। NPCI के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2025 में केवल एक बैंक – एचडीएफसी बैंक ऐसा रहा, जिसने 100% लेनदेन सफलता के साथ रिकॉर्ड कायम किया। बाकी बैंकों से जुड़े फास्टैग यूज़र्स को कई तरह की तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
🏆 एचडीएफसी बैंक का परफॉर्मेंस सबसे बेहतर
रिपोर्ट के अनुसार, एचडीएफसी से जारी सभी फास्टैग ट्रांजेक्शन बिना किसी रुकावट के पूरे हुए। इसका मतलब यह हुआ कि एचडीएफसी फास्टैग उपयोगकर्ताओं को सफर में कहीं भी रुकावट का सामना नहीं करना पड़ा। ऐसे में एचडीएफसी का फास्टैग सिस्टम सबसे विश्वसनीय और यूज़र-फ्रेंडली साबित हुआ।
❌ इन बैंकों के ग्राहकों को हुई परेशानी
IDBI बैंक
यस बैंक
एयरटेल पेमेंट बैंक
इन बैंकों से जुड़े फास्टैग लेन-देन सबसे ज्यादा खारिज हुए। वहीं, ICICI बैंक पर भले ही ट्रांजेक्शन का दबाव अधिक है, लेकिन उसका प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा।
🔄 समस्या से कैसे बचें?
अगर आपको भी बार-बार ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो इन बातों का ध्यान रखें:
फास्टैग को समय पर रिचार्ज करें।
तीन साल पुराना फास्टैग है तो नया मंगवाएं।
वाहन की पूरी जानकारी जैसे व्हीकल नंबर, चेसिस नंबर आदि सही अपडेट करें।
नया वाहन खरीदने पर 60 दिन के अंदर फास्टैग में नंबर अपडेट करवाएं।
यदि कोई बैंक बार-बार परेशानी दे रहा है, तो दूसरे बैंक से फास्टैग लेना बेहतर विकल्प हो सकता है।
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