तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए और पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल नौकरी घोटाले की चल रही जांच से संबंधित जांच एजेंसी के सवालों का जवाब सहायक दस्तावेजों के साथ सौंपा, जो लगभग 6,000 पृष्ठों में थे।
यहां ईडी कार्यालय से बाहर आने के बाद बनर्जी ने कहा कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और वह पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल नौकरी घोटाले की जांच में केंद्रीय एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार हैं।
अधिकारियों ने बताया कि तृणमूल नेता पूर्वाह्न 11 बजकर करीब 10 मिनट पर साल्ट लेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे और लभगभ एक घंटे तक रुके, हालांकि एजेंसी के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ नहीं की।
उन्होंने यहां केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने हमेशा जांच के लिए ईडी के साथ सहयोग किया है। मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। अगर मुझे दोबारा बुलाया गया तो मैं ईडी के सामने पेश होऊंगा। मैंने सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपना विस्तृत जवाब सौंप दिया है।’’
‘धन लेकर प्रश्न पूछने के’ विवाद में फंसी पार्टी सांसद महुआ मोइत्रा के समर्थन में आगे आते हुए बनर्जी ने कहा कि जो कोई भी सरकार से सवाल कर रहा है, उसे केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार द्वारा ‘परेशान’ किया जा रहा है।
तृणमूल ने मोइत्रा का समर्थन करते हुए अब तक इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी कहने से बच रही थी और एक समय तो यहां तक कहा था कि वे इस मुद्दे पर संसद की आचार समिति की रिपोर्ट का इंतजार करेंगे।
तृणमूल नेता ने लड़ाई लड़ने में सक्षम होने के लिए मोइत्रा की सराहना की।
ऐसा समझा जाता है कि तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘धन लेकर सवाल पूछने’ के आरोपों की जांच कर रही लोकसभा की आचार समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर डालने वाले ‘अनैतिक आचरण’ के आधार पर उन्हें संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की है।
ईडी के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमारे अधिकारियों ने आज बनर्जी से कोई सवाल नहीं पूछा। उन्होंने दस्तावेज जमा कराये और चले गये।’’
उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी दस्तावेजों की जांच के बाद इस पर फैसला करेगी कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव को फिर से तलब किया जाए या नहीं।
राज्य को मनरेगा का बकाया तत्काल जारी करने की मांग को लेकर नई दिल्ली में एक विरोध रैली में भाग लेने के लिए तीन अक्टूबर के समन पर हाजिर नहीं होने के बाद डायमंड हार्बर के सांसद को केंद्रीय एजेंसी ने तलब किया था।
ईडी ने 13 सितंबर को कथित स्कूल भर्ती घोटाले में बनर्जी से लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की थी।
इससे पहले, दो बार के तृणमूल सांसद से ईडी ने कोयला चोरी मामले में दो बार पूछताछ की थी, एक बार 2021 में राष्ट्रीय राजधानी में एजेंसी के कार्यालय में और फिर 2022 में कोलकाता में।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, माकपा ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी को ईडी का समन एक ‘छलावा’ था।
माकपा के केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने जांच के नतीजे के बारे में आशंका व्यक्त करते हुए कहा, ‘बनर्जी को ईडी का समन एक धोखा था।’
माकपा नेता ने कहा, ‘बनर्जी को पता था कि उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है।’
– एजेंसी