महुआ मोइत्रा के समर्थन में उतरी तृणमूल, कहा- भाजपा नीत राजग पर सवाल उठाने वालों को किया जा रहा परेशान

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में फंसीं अपनी सांसद महुआ मोइत्रा का बृहस्पतिवार को पुरजोर समर्थन किया।

तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि जो भी सरकार से सवाल करता है, उसे केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा ‘परेशान’ किया जाता है।

बनर्जी राज्य में कथित स्कूल नौकरी घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने यह सवाल भी किया कि मोइत्रा के खिलाफ आरोप साबित होने से पहले ही संसद की एक समिति उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कैसे कर सकती है।

बनर्जी ने सवाल किया, ‘‘जो कोई भी अडाणी मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछ रहा है, उसे परेशान किया जा रहा है। लोकसभा की आचार समिति महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोप साबित होने से पहले ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कैसे कर सकती है?’’

टीएमसी पार्टी ने मोइत्रा का अब तक सीधा बचाव नहीं किया है और एक समय तो यहां तक कहा था कि वह इस मुद्दे पर आचार समिति की रिपोर्ट का इंतजार करेगी।

आज बनर्जी के स्पष्ट समर्थन से यह संकेत मिलता है कि टीएमसी सांसद मोइत्रा के लिए आगे की लड़ाई में अपना पूरा समर्थन देगी, जो पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों का सामना कर रही हैं।

टीएमसी नेता बनर्जी ने मोइत्रा की लड़ाई लड़ने में सक्षम होने के लिए सराहना की।

ऐसा समझा जाता है कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के आरोपों की जांच कर रही लोकसभा की आचार समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले ‘अनैतिक आचरण’ के आधार पर उन्हें संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की है।

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी ने सवाल किया कि किसी सांसद के खिलाफ एक भी आरोप साबित किए बिना उसके खिलाफ कार्रवाई कैसे शुरू की जा सकती है।

बनर्जी ने कहा, ‘समिति ने अभी तक भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, लेकिन विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करने में बहुत तत्पर है, जो सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ लड़ रहे हैं।’

बनर्जी ने सवाल किया, ‘‘यदि उनके पास कोई सबूत नहीं है तो आचार समिति निष्कासन की सिफारिश कैसे कर सकती है?’’

हालांकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने हालांकि दावा किया कि टीएमसी मोइत्रा से जुड़े विवाद पर बोलने से कतरा रही है, क्योंकि उन्होंने अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बोला है।

यह पूछे जाने पर कि मोइत्रा मुद्दा सामने आने के बाद टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव को इस पर टिप्पणी करने में कई दिन क्यों लग गए, माकपा केंद्रीय समिति सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल इस मामले पर बोलने से कतरा रहा है। उन्होंने कहा, ”महुआ मोइत्रा ने अडाणी और (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बोला है, इसलिए टीएमसी टिप्पणी नहीं करना चाहती।”

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से संपर्क किया था और उन पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था।

यह कहते हुए कि टीएमसी सांसद के खिलाफ ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के आरोपों की विस्तृत जांच की आवश्यकता है, चक्रवर्ती ने कहा कि यह सामने लाना आवश्यक है कि क्या हीरानंदानी के साथ उनकी कोई सहमति थी। चक्रवर्ती ने कहा, ‘लेकिन वह प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही उनके निष्कासन की बातें सामने आ गईं, यह अनैतिक है।’

– एजेंसी