टमाटर और आलू की कीमतों ने दी राहत, चिकन ने बढ़ाया बोझ

दिसंबर 2024 में शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की कीमतों में बदलाव

शाकाहारी थाली की कीमतों में गिरावट:

दिसंबर 2024 में शाकाहारी थाली की कीमत में 3% की गिरावट दर्ज की गई।
मुख्य कारण:
टमाटर: 12% कीमत में गिरावट (मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात से आपूर्ति)।
आलू: 2% कीमत में कमी।
प्याज: 12% कीमत में कमी।
मांसाहारी थाली की कीमतों में वृद्धि:

मांसाहारी थाली की कीमत में 3% की बढ़ोतरी हुई।
मुख्य कारण:
ब्रायलर चिकन: 11% कीमत में वृद्धि (उत्तर भारत में शीतलहर और चारे की ऊंची लागत)।
त्योहारी और शादी सीजन के कारण मांग में इजाफा।
वार्षिक तुलना:

शाकाहारी थाली महंगी: दिसंबर 2023 की तुलना में दिसंबर 2024 में शाकाहारी थाली की कीमत में वृद्धि।
टमाटर: 24% वृद्धि (38 रुपये से 47 रुपये प्रति किलो)।
आलू: 50% वृद्धि (24 रुपये से 36 रुपये प्रति किलो)।
आलू उत्पादन में 6% गिरावट।
तेल की कीमतों का असर:

आयात शुल्क में वृद्धि और त्योहारों के चलते वेजिटेबल ऑयल की कीमतें 16% बढ़ीं।
इसका प्रभाव शाकाहारी और मांसाहारी दोनों थालियों पर पड़ा।
थाली की संरचना:

शाकाहारी थाली: रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर, आलू), चावल, दाल, दही, सलाद।
मांसाहारी थाली: दाल की जगह ब्रायलर चिकन।
मांग और आपूर्ति का प्रभाव:

त्योहारी और शादी सीजन के कारण बढ़ी मांग।
शाकाहारी थाली को सब्जियों की गिरती कीमतों से फायदा, लेकिन मांसाहारी थाली को ब्रायलर और तेल की बढ़ती कीमतों का नुकसान।
भविष्य की संभावना:
आने वाले महीनों में मांग और आपूर्ति के संतुलन से खाद्य महंगाई को नियंत्रित किया जा सकता है।

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