पेट के इंफेक्शन में रामबाण हैं ये 3 प्रोबायोटिक फूड्स – उल्टी और कमजोरी से दिलाएं राहत

पेट का इंफेक्शन एक आम लेकिन बेहद तकलीफदेह समस्या है, जिसमें उल्टी, दस्त, थकान और कमजोरी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसे समय में प्रोबायोटिक फूड्स का सेवन बेहद लाभकारी हो सकता है। ये न सिर्फ पाचन तंत्र को सुधारते हैं, बल्कि आंतों में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या भी बढ़ाते हैं, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।

यहाँ हम बता रहे हैं तीन ऐसे प्रोबायोटिक फूड्स जो पेट के इंफेक्शन में राहत पहुंचा सकते हैं:

1. दही (Curd)

दही को भारत में सबसे लोकप्रिय प्रोबायोटिक माना जाता है। इसमें लैक्टोबैसिलस जैसे अच्छे बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो आंतों में हानिकारक जीवाणुओं से लड़ते हैं। पेट दर्द, गैस, और दस्त में दही का सेवन फायदेमंद होता है। ठंडे दही को सादा ही खाएं या थोड़ा सा नमक मिलाकर सेवन करें।

2. छाछ (Buttermilk)

छाछ हल्की, पचने में आसान और प्रोबायोटिक से भरपूर होती है। यह न केवल शरीर को हाइड्रेट रखती है, बल्कि पेट को ठंडक भी पहुंचाती है। छाछ में जीरा, सेंधा नमक या काली मिर्च मिलाकर पीने से पाचन बेहतर होता है और कमजोरी भी कम होती है।

3. किण्वित चावल या घर की बनी कांजी (Fermented Rice/Kanji)

पारंपरिक भारतीय कांजी या बासी चावल का पानी प्रोबायोटिक गुणों से भरपूर होता है। यह आंतों के लिए लाभदायक है और शरीर में ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है। कांजी विशेष रूप से उत्तर भारत में सर्दियों के दौरान बनाई जाती है और पेट के रोगों में लाभकारी मानी जाती है।

कब और कैसे करें सेवन?

  • इन फूड्स को हल्के भोजन के साथ या बीच-बीच में लें
  • दिन में 1-2 बार सेवन करना पर्याप्त है
  • बहुत अधिक मात्रा से बचें, खासकर अगर लक्षण गंभीर हों

पेट के इंफेक्शन में घरेलू उपायों की अहम भूमिका हो सकती है, खासकर जब वे वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हों। दही, छाछ और कांजी जैसे प्रोबायोटिक फूड्स प्राकृतिक रूप से शरीर को अंदर से ठीक करने में मदद करते हैं। हालांकि, अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।