राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि देश में आयकर दाखिल करने वालों की संख्या करीब सवा तीन करोड़ से बढ़कर लगभग सवा आठ करोड़ हो चुकी है।
उन्होंने बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा एवं राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी सरकार ने भारत में कारोबार सुगमता को बेहतर किया है। सरकार कारोबार के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध कराने को लेकर लगातार काम कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का प्रयास रहा है कि सामान्य देशवासी की जेब में अधिक से अधिक बचत कैसे हो। पहले भारत में दो लाख रुपये की आय पर कर लग जाता था। आज भारत में सात लाख रुपये तक की आय पर भी कर नहीं लगता। कर छूट और सुधारों के कारण भारत के करदाताओं को 10 साल में करीब ढाई लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है।”
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आयकर दाखिल करने वालों की संख्या करीब सवा तीन करोड़ से बढ़कर लगभग सवा आठ करोड़ हो चुकी है। यह बढ़ोतरी दो गुना से भी कहीं अधिक है। वहीं दिसंबर, 2017 में 98 लाख लोग माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देते थे, आज इनकी संख्या एक करोड़ 40 लाख है।”
देश में व्यापारिक महौल पर मुर्मू ने कहा, ‘‘कारोबार सुगमता की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। बीते कुछ वर्षों में 40 हजार से ज्यादा अनुपालन हटाए या सरल किए गए। कंपनी अधिनियम और सीमित देयता भागीदारी अधिनियम में 63 प्रावधानों को अपराध की सूची से बाहर किया गया।”
उन्होंने कहा, ‘‘जन विश्वास अधिनियम द्वारा 183 प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया। अदालत के बाहर विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान को मध्यस्थता पर कानून बनाया गया है। वन और पर्यावरण विभाग से मंजूरी मिलने में जहां 600 दिन लगते थे, वहीं आज 75 दिन से भी कम समय लगता है। साथ ही ‘फेसलेस असेसमेंट’ योजना से कर व्यवस्था में और पारदर्शिता आई है।”
– एजेंसी