टाटा स्टील अपनी सहयोगी टीआरएफ लिमिटेड का नहीं करेगी विलय

इस्पात उत्पादक टाटा स्टील ने बुधवार को कहा कि उसके निदेशक मंडल ने सहयोगी कंपनी टीआरएफ लिमिटेड के प्रदर्शन में आ रहे सुधार को देखते हुए उसका विलय नहीं करने का फैसला किया है।

टाटा स्टील ने पहले टीआरएफ, टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स, टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया, टाटा मेटालिक्स, द इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स, टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड और एस एंड टी माइनिंग कंपनी समेत नौ रणनीतिक कारोबारों के एकीकरण की योजना घोषित की थी।

टाटा समूह की कंपनी ने बयान में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने टीआरएफ का विलय करने की योजना पर आगे न बढ़ने का फैसला किया है।

टाटा स्टील ने कहा, ‘हमारे सक्रिय समर्थन से टीआरएफ ने बेहद चुनौतीपूर्ण परिचालन माहौल को सफलतापूर्वक पार कर लिया है। इससे टीआरएफ के कारोबारी प्रदर्शन में बदलाव आया है।’

दरअसल प्रस्तावित विलय की घोषणा के बाद से ही टाटा स्टील ऑर्डर देने और धन मुहैया कराते हुए टीआरएफ को परिचालन में मदद और वित्तीय सहायता मुहैया करा रही थी।

इसके साथ ही टाटा स्टील ने बताया कि नियामक प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद पांच सहयोगी इकाइयों का सफलतापूर्वक समेकन कर लिया गया है और यह प्रक्रिया अब भी जारी है।

टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड का विलय एक सितंबर, 2023 से प्रभावी है जबकि टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड का विलय 15 नवंबर, 2023 से हो चुका है।

एसएंडटी माइनिंग कंपनी लिमिटेड का विलय एक दिसंबर, 2023 से विलय हो गया और द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड का विलय 15 जनवरी, 2024 से हो गया। इसके अलावा टाटा मेटालिक्स लिमिटेड का विलय एक फरवरी, 2024 से प्रभावी हुआ है।

– एजेंसी