इन बातों का ख्याल रखें ,नहीं तो मानसून में पड़ सकता है अस्थमा का अटैक

अस्थमा के मरीजों को मौसम बदलने के साथ परेशानी बढ़ने लगती हैं. खासतौर से बारिश के मौसम में ऐसे लोगों को सांस की तकलीफ परेशान करती है. बारिश में मौसम में नमी होने और धूप की कमी से दमा के मरीज परेशान होते हैं. विटामिन डी की कमी के कारण अस्थमा अटैक भी आ सकता है. ऐसे में व्यक्ति को सांस लेने में मुश्किल आती है. अस्थमा के मरीज को श्वास नलियों में सूजन आ जाती है, जिससे सांस नली सिकुड़ जाती हैं.

मॉनसून में अस्थमा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मॉनसून भी अस्थमा को ट्रिगर करने की कई वजह हैं जिनमें से एक प्रमुख वजह है धूप न निकलना और विटामिन-डी की कमी होना. ये दोनों कारण स्थमा के दौरे को ट्रिगर करते हैं. वहीं बारिश में ठंडा वातावरण अस्थमा के मरीज के लिए परेशानी पैदा करता है.

मॉनसून में अस्थमा अटैक से कैसे बचें
बारिश में ऐसे लोगों को सीलन वाली जगहों पर नहीं रहना चाहिए. घरों में दीवारों या फर्नीचर में सीलन है तो इसे तुरंत ठीक करवा लें.
घर के बाथरूम और किचन हमेशा सूखा रखने की कोशिश करें, इससे नमी दूसरी जगहों पर नहीं फैलेगी.
अगर आपको डॉक्टर ने इनहेलर लेने की सलाह दी है, तो उन्हें बारिश में इसका इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.
इस्तेमाल करने वाले कार्पेट्स, रग्ज़ या बेडशीट्स साफ और सूखे हुए होने चाहिए.
घर में अगर पालतू जानवर हैं तो उनसे दूरी बनाकर रखें. पालतू जानवरों को मरीज के कमरे से दूर रखें.
अगर घर में कहीं फंगस लगा है तो उसे तुरंत साफ कर दें. इसके लिए ब्लीच, डिसइंफेक्टेंट, डिटर्जेंट का उपयोग करें.
अस्थमा के मरीज को बैलेंस डाइट लेनी चाहिए और समय पर अपनी दवाओं का सेवन जरूर करना चाहिए.

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