आजकल पेट में दर्द होना आम समस्या बन गई है क्योंकि लोगों की जीवन शैली इतनी अनियमित हो गई है कि इसका सीधा असर उनके पाचन तंत्र पर पड़ता है। देर तक बैठ कर काम करना, समय के अभाव के कारण जंक फूड ज्यादा खाना, पर्याप्त मात्रा में नींद न होना जैसे समस्याओं के कारण सामान्य तौर पर बदहजमी या पेट संबंधी समस्याएं होती है जिसके कारण पेट में दर्द होने लगता है।आज हम आपको बताएंगे पेट दर्द होने के कारण और इससे निजात पाने के उपाय।
आम तौर पर लोग पेट दर्द के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्खे ही अपनाते हैं। क्योंकि पेट दर्द के लिए घरेलू नुस्ख़े ही घर में सबसे पहले मिल जाते हैं जिससे दर्द से जल्दी राहत मिलती है। तो चलिये अब जानते हैं कि आयुर्वेद में किस दोष के कारण पेट में दर्द होता है और इसका क्या आयुर्वेदिक उपचार है।
पेट दर्द होने के कारण
पेट दर्द (Pet Dard) होने के पीछे बहुत तरह के कारण होते है,जैसे- खान-पान और जीवनशैली लेकिन इसके अलावा कुछ विशेष बीमारियों के कारण भी पेट में दर्द होता है। जैसे-
सामान्य कारण
ज्यादा भोजन करने से
ज्यादा पानी पीने से
तेल, मिर्च मसाला वाला खाना अधिक समय तक खाने से
गंदा (Impure) पानी पीने से
बाहर का खाना जैसे पिज्जा, बर्गर, आइसक्रीम, समौसा आदि ज्यादा खाने से
खाली पेट अधिक समय तक काम करने से
रात का बचा बासा खाना खाने से
महिलाओं में मासिक स्राव के समय
संक्रमिक (Infected) भोजन खाने से
अंकुरित दालों को ज्यादा खाने से
सूखा माँस (Dry meat) खाने से
खाना खाने के बाद ज्यादा तेज दौड़ने से
पेट दर्द से राहत पाने के उपाय
पेट दर्द (Pet Dard) से आराम पाने के लिए सबसे पहले आहार और जीवनशैली में बदला लाना जरूरी होता है। चलिये इनके बारे में जानते हैं।
पेट दर्द होने पर आहार कैसा होना चाहिए
हल्का भोजन जैसे मूंग की दाल, दलिया, मठ्ठा (छाछ), पपीता, अनार का जूस भोजन में लेना चाहिए।
चाय, कॉफी, दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।
मठ्ठे (छाछ) में भूनी हुई अजवायन का पाउडर 1/2 छोटा चम्मच मिलाकर देना चाहिए।
खाने खट्टी चीजे जैसे अचार, नींबू नहीं लेना चाहिए।
अगर पेट दर्द की वजह से उल्टी भी हो रही है तो कुछ देर तक कुछ नहीं खाना चाहिए (6 घण्टे) और बाद में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में चावल का पानी, मूंग की दाल का पानी देना चाहिए क्योंकि यह गुण में हल्की होती है जिसकी वजह से आसानी से पच भी जाता है।
ठोस आहार (Heavy Food) जैसे गेहूं की रोटी, अरहर की दाल, पालक की सब्जी, बेसन के बने समान , खीरा, ककडी, आदि नहीं देना चाहिए।
पेट दर्द होने पर जीवनशैली में कैसा बदलाव लाना चाहिए
सुबह-सुबह उठते ही गुनगुना पानी 1 या 2 गिलास पीना चाहिए जिससे हमारा पेट अच्छी तरह से साफ हो सके।
खाने में ज्यादा तैलीय चीज जैसे समौसा-पकौड़े नही खाना चाहिए और मैदे और बेसन से बनी चीजें कम खानी चाहिए।
चाय, कॉफी, नहीं पीनी चाहिए।
मल (Motion) को ज्यादा देर तक रोककर नहीं रखना चाहिए।
व्यायाम (Excercise) करने के बाद तुरन्त बहुत ज्यादा पानी नही पीना चाहिए।
रात को खाना हल्का जैसे लौकी, तोरई, टिण्डे, परवल खाना चाहिए क्योंकि यह सब्जियां हल्के गुण वाली होती है। और आसानी से पच जाती है और पेट में गैस नहीं बनाती है।
रात के समय ज्यादा तैल मिर्च मसाला वाला खाना नही खाना चाहिए।
रात में ज्यादा देर तक नही जगना चाहिए क्योंकि ज्यादा देर तक जागने से वातदोष असंतुलित हो जाते है आर पेट में गैस बनाते है जिसके कारण कभी-कभी पेट और सीने में दर्द होने लगता है।
रात में खाना जल्दी या समय ज्यादा से लेना चाहिए जिससे खाना अच्छे से पच सके।
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