गन्ने का जूस जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही फायदेमंद भी. कई तरह की बीमारियों में इसका इस्तेमाल किया जाता है. अगर किसी को ज्वाइंडिस है या हेपटाइटिस की बीमारी है तो गन्ने का जूस पीने की सलाह दी जाती है. पेट को साफ करने में तो गन्ने के जूस का कोई तोड़ ही नहीं है. इसमें अत्यधिक मात्रा में आयरन पाया जाता है, जिससे खून साफ होता है. गन्ने का जूस पीने से शरीर को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है.
डायबिटीज के मरीज को भूलकर भी गन्ने का जूस नहीं पीना चाहिए. दरअसल गन्ने का जूस हाई शुगर ड्रिंक की तुलना में कहीं ज्यादा मीठा होता है. डायबिटीज के मरीज अगर गन्ने का जूस पी लेते हैं तो उनका शुगर लेवर खतरनाक स्थिति में पहुंच सकता है. हालांकि एक अध्ययन में यह भी दावा किया गया है कि गन्ने के जूस में पॉलीफेनॉल एंटीऑक्सीडेंट्स पाया जाता है, जो पैंक्रियाज में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा देता है.
2014 में जामा इंटरनल मेडिसिन में गन्ने के जूस को लेकर एक स्टडी छपी थी. इस स्टडी में दावा किया गया कि ऐसे लोग जो अपनी एनर्जी का 20 प्रतिशत चीनी से प्राप्त करते हैं, उनमें हार्ट डिजीज से मरने की आशंका 38 प्रतिशत तक ज्यादा होती है.
वेबएमडी के अनुसार, गन्ने का जूस काफी मीठा होता है, ऐसे में इसे पीने से ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है. हाई बीपी के मरीजों को गन्ने का जूस नहीं पीना चाहिए. यह उनके लिए खतरनाक होता है.
गन्ने का जूस बॉडी में कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी बढ़ा सकता है. ऐसे में उन लोगों को इससे दूर रहना चाहिए जिनका बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है. गन्ने के जूस से फैटी लिवर डिजीज का भी जोखिम रहता है.
अगर आप लगातार गन्ने का जूस पीते हैं तो आपको मोटापा जल्दी आ जाएगा. इससे आपका वजन अचानक से बढ़ता है. चूंकि वजन बढ़ाने में शुगर का अहम योगदान होता है, ऐसे में गन्ने का जूस जल्दी से वजन को बढ़ा देता है.
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