एसएसबी और तटरक्षक की टुकड़ियों ने कर्तव्य पथ पर शौर्य का प्रदर्शन किया

सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और भारतीय तटरक्षक के बैंड और टुकड़ी ने 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर परेड में भाग लिया।

एसएसबी की टुकड़ी जहां ‘जोश भरा है सीने में, है हथेलियों पे जान’ की धुन पर मार्च में भाग ले रही थी तो तटरक्षक के जवानों ने ‘सुरक्षा’ की धुन के साथ इसमें भाग लिया।

एसएसबी की टुकड़ी की कमान उप कमांडेंट नैन्सी सिंगला संभाल रही थीं जिसमें तीन उप निरीक्षक और 144 अन्य कर्मी शामिल थे।

एसएसबी की स्थापना 1963 में 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद बने हालात के बाद ‘विशेष सेवा ब्यूरो’ के रूप में की गई थी। इसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्र में लोगों के आत्मविश्वस को मजबूत करना था।

वर्ष 2001 में करगिल युद्ध के बाद इस बल को भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और 2004 में इसे भारत-भूटान सीमा की पहरेदारी का जिम्मा भी दिया गया। इसी साल बल को सशस्त्र सीमा बल नाम दिया गया।

भारतीय तटरक्षक की टुकड़ी का नेतृत्व सहायक कमांडेंट चुनौती शर्मा ने किया। उनके साथ सहायक कमांडेंट प्रिया दहिया, हार्दिक और पल्लवी भी रहीं।

– एजेंसी