सोनी ने सोमवार को कहा कि वह सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) के फैसले से ”निराश” है।
सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) ने जी को एनसीएलटी में जाने से रोकने की सोनी की याचिका को रविवार को खारिज कर दिया था।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (जील) और जापान के सोनी समूह की भारतीय शाखा के बीच विलय के लिए एक समझौता हुआ था, जिसे सोनी ने देरी और कुछ अन्य कारणों के चलते समाप्त कर दिया। सोनी ने आरोप लगाया कि जील ने समझौते की शर्तों को पूरा नहीं किया। जील ने इस फैसले के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में याचिका दायर की है।
सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट ने सोमवार को एक बयान में कहा, कंपनी विलय समझौते को समाप्त करने तथा ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (जील) से हर्जाना मांगने के सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (अब कल्वर मैक्स) के अधिकार को लेकर आश्वस्त है।
बयान के अनुसार, ‘‘हम सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) के फैसले से निराश हैं। यह निर्णय केवल प्रक्रिया का हिस्सा है। इसमें केवल इस बात पर फैसला किया गया है कि ज़ी एंटरटेनमेंट को एनसीएलटी के साथ अपने आवेदन को आगे बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी या नहीं।”
जील ने शेयर बाजार को बताया था कि एसआईएसी ने एक आपात मध्यस्थता फैसले में उस पर रोक लगाने की कल्वर मैक्स और बीईपीएल (बांग्ला एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड) की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। एसआईएसी ने चार फरवरी के अपने आदेश में कहा कि उसके पास ऐसा आदेश पारित करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है।
जील ने कहा कि इस बारे में अब एनसीएलटी को निर्णय लेना है और उसे उम्मीद है कि एनसीएलटी विलय योजना को लागू करेगा।
– एजेंसी