कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का नाम लिए बगैर कहा कि उन्हें यह जानकर बहुत धक्का लगा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग संसद में जाति का नाम लेकर कहते हैं कि उनका अपमान किया गया है।
उन्होंने शीतकालीन सत्र में 146 विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ जंतर-मतर पर आयोजित विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन में यह दावा भी किया कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के सभी नेता एकजुट हो गए हैं और अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अकेले कुछ नहीं कर सकते।
खरगे ने कहा, ” मुझे इस बात का बहुत धक्का लगा कि संवैधानिक पद पर बैठे लोग यह कहते हैं कि वो किसी जाति से संबंध रखते हैं और उनका अपमान किया गया।”
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ”अगर आपकी यह हालत यह है तो मेरे जैसे दलित की क्या हालत होगी।”
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद परिसर में उनकी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा नकल उतारे जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उच्च सदन में बुधवार को कहा था कि संसद परिसर में उनकी नकल उतारकर किसान समाज और उनकी जाति (जाट) का अपमान किया गया है।
खरगे ने कहा, ”सभी विपक्षी दल एकजुट हो गए हैं। अब मोदी जी अकेले कुछ नहीं कर सकते।”
विरोध प्रदर्शन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश की संसद को, प्रजातंत्र को बचाने के लिए जो कुछ कीमत देनी पड़ेगी, वो कीमत चुकाने के लिए सभी विपक्षी दल तैयार हैं।
उन्होंने दावा किया कि दलित, आदिवासी, युवा और किसान सभी दुखी हैं तथा भारतीय जनता पार्टी सभी समस्याओं की जड़ है।
पवार ने कहा, ”प्रजातंत्र पर हमला करने वाली सांप्रदायिक शक्ति को हम सत्ता से दूर करेंगे।”
– एजेंसी