गणतंत्र दिवस: राजस्थान की झांकी में राज्य की परंपराओं, पर्यटन स्थलों, हस्तशिल्प को दर्शाया गया

देश के 75वें गणतंत्र दिवस पर यहां आयोजित परेड के दौरान राजस्थान की झांकी में रेगिस्तानी राज्य की मनमोहक सांस्कृतिक परंपराओं, आकर्षक हस्तशिल्प और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को दर्शाया गया।

‘विकसित भारत मैं – पधारो म्हारे देश…राजस्थान’ विषय वस्तु पर आधारित झांकी में राज्य की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया। इसके अग्रभाग में ‘घूमर’ नृत्य शैली का प्रदर्शन किया गया और इसके पीछे के हिस्से में सजे हुए ऊंट को दर्शाया गया।

इस झांकी में राजस्थान में उत्सव मनाने की संस्कृति के साथ-साथ महिला हस्तशिल्प उद्योगों के विकास को दर्शाया गया तथा सांस्कृतिक एवं वास्तुकला की विरासत की सुंदर झलक पेश की गई।

झांकी के पीछे के भाग में भक्ति एवं शक्ति की प्रतीक मीरा बाई की सुन्दर प्रतिमा प्रदर्शित की गई। राज्य की समृद्ध हस्तशिल्प परंपराओं को भी झांकी में दिखाया गया।

झांकी में ‘गोरबंद’ से सजे दो ऊंटों के मॉडल थे, जो राजस्थान में हर साल आयोजित होने वाले ‘ऊंट उत्सव’ की विरासत को दर्शाते हैं। ऊंट रेगिस्तान का जहाज कहलाते हैं और संयुक्त राष्ट्र ने 2024 को ”इंटरनेशनल ईयर ऑफ कैमेलिड्स” घोषित किया है।

झांकी के एक ओर राजस्थान के ग्रामीण जीवन की झलक बताते हुए एक व्यक्ति को परंपरागत वेशभूषा में दिखाया गया था। वहीं दूसरी ओर परंपरागत परिधान पहने एक राजस्थानी महिला ऊंट पर सवार थी।

– एजेंसी