मूर्धन्य विद्वान प्रो. कमलेश दत्त त्रिपाठी का अंतिम संस्कार काशी में होगा

काशी हिंदू विश्विद्यालय (बीएचयू) के एमेरिटस प्रोफेसर और महात्मा गांधी वर्धा विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति कमलेश दत्त त्रिपाठी का मध्य प्रदेश के दतिया स्थित उनके आवास पर रविवार की शाम दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे।

सोमवार को उनका पार्थिव शरीर वाराणसी लाया गया जहां अंतिम दर्शन के बाद मणिकर्णिका घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

काशी हिंदू विश्विद्यालय के धर्मागम विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर आचार्य भक्ति पुत्र रोहतम ने सोमवार को बताया कि कमलेश दत्त त्रिपाठी पिछले कुछ महीनों से अपने छोटे बेटे के साथ दतिया में रह रहे थे। रविवार की शाम को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

उन्होंने बताया कि त्रिपाठी का पार्थिव शरीर आज वाराणसी लाया गया है जहां अंतिम दर्शन के बाद मणिकर्णिका घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

रोहतम ने बताया कि भारतीय नाट्य विद्या, कश्मीर शैव दर्शन और साहित्य के मूर्धन्य विद्वान रहे त्रिपाठी काशी हिंदू विश्विद्यालय के धर्म शिक्षा विभाग में आचार्य के पद पर नियुक्त हुए थे। उन्होंने वर्ष 1977 में प्रोफेसर रामेश्वर झा से कश्मीर शैवांग्मय की शिक्षा ली थी। बाद में रुचि बढ़ने पर उन्होंने इस विषय का विशेष अध्ययन किया। वह साहित्य और नाट्य शास्त्र में पारंगत थे।

उन्होंने बताया कि त्रिपाठी ने वर्ष 1977 में काशी हिंदू विश्विद्यालय में धर्मागम विभाग की स्थापना करायी थी। पहले इस विभाग का नाम धर्म शिक्षा विभाग था। वह काशी हिंदू विश्विद्यालय के सभी विभागों में धर्म की शिक्षा देते थे। काशी हिंदू विश्विद्यालय से सेवानिवृत्त होने के बाद त्रिपाठी उज्जैन स्थित कालिदास अकेडमी के निदेशक रहे। वह वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्विद्यालय के कुलाधिपति भी रह चुके थे।

– एजेंसी