वैश्विक निवेशक इस साल भारतीय रियल एस्टेट में पैसा लगाने को लेकर सतर्क रहे हैं। निजी इक्विटी (पीई) निवेश 12 दिसंबर तक पूरे पिछले साल की तुलना में 44 प्रतिशत घटकर तीन अरब अमेरिकी डॉलर रह गया।
नाइट फ्रैंक ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
रियल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया की ओर से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीय रियल एस्टेट बाजार को इस साल एक जनवरी से 12 दिसंबर के बीच 23 सौदों से पीई निवेश में 302.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर मिले, जबकि 2022 में यह राशि 535.7 करोड़ डॉलर थी।
नाइट फ्रैंक के अनुसार, मंदी का कारण वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व तथा सेंट्रल बैंक ऑफ कनाडा द्वारा कई बार दरों में बढ़ोतरी के साथ उच्च ब्याज दर हैं, जिससे अमेरिका तथा कनाडा से निवेश गतिविधियों पर अंकुश लगा है।
हालांकि, सिंगापुर से पीई निवेश में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जो कुल प्रवाह में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है।
भारतीय रियल एस्टेट बाजार के खंडों के संदर्भ में कार्यालय परिसंपत्तियों ने कुल पीई निवेश में 58 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बढ़त हासिल की, इसके बाद वेयरहाउसिंग का 23 प्रतिशत और आवासीय संपत्तियां का 19 प्रतिशत योगदान रहा।
खुदरा क्षेत्र में 2023 में कोई पीई सौदा नहीं हुआ।
सभी खंडों में मुंबई में सबसे अधिक 168.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (1.6 अरब) का निवेश हुआ। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को 83.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर और बेंगलुरु को 34.7 करोड़ डॉलर का निवेश मिला।
– एजेंसी