डॉक्टर आपसे यह सवाल जरूर पूछते हैं कि पेट में किस जगह पर दर्द हो रहा है या किस साइड में दर्द हो रहा है. दरअसल डॉक्टर के इस सवाल के पीछे कई कारण होते हैं. क्योंकि पेट के अलग-अलग साइड में दर्द अलग तरह की समस्याओं की वजह से हो सकता है. पेट में दर्द होना एक सामान्य समस्या है.
ऐसी ही एक वजह है पेट में अल्सर होना. अल्सर यानी छाले. जब पेट के ऊपरी हिस्से में अक्सर दर्द होता है और तेज दर्द होता है तो यह स्टमक अल्सर की वजह हो सकता है.
पेट में होने वाले अल्सर को गैस्ट्रिक अल्सर कहा जाता है.
जो अल्सर भोजन नली में होते हैं, उन्हें एसोफेजल अल्सर कहा जाता है.
छोटी आंत में होने वाले अल्सर को डूआडनल अल्सर कहा जाता है.
यदि अल्सर के कारण आपके पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हो रहा होता है तो दर्द के साथ ही आपको इस तरह के लक्षण भी देखने को मिलते हैं…
पेट में अल्सर होने के शुरुआती लक्षणों के रूप में लगातार जी मिचलाना, भूख न लगना या भूख कम लगना और उल्टी होने की समस्या हो सकती हैं.
दर्द नाभि के ऊपर और छाती यानी फेफड़ों के नीचे के हिस्से में हो रहा होता है.
दर्द के साथ ही पेट में जलन की समस्या हो सकती है और दर्द आगे से पीछे की तरफ भी जा सकता है.
खाना खाने के कुछ घंटे बाद यह दर्द हो सकता है. जब आप दो फूड के बीच कुछ नहीं खाते, तब इस दर्द का अहसास अधिक हो सकता है.
सुबह के समय यह दर्द आपको अधिक महसूस हो सकता है क्योंकि रात का भोजन करने के बाद जब आप सोते हैं तो दो मील (भोजन) के बीच कई घंटों का गैप हो जाता है.
पेट में अल्सर के कारण होने वाला दर्द कुछ मिनट का भी हो सकता है और कई घंटों का भी.
अल्सर की समस्या यदि बहुत अधिक बढ़ जाती है तो छालों में से खून रिसने की समस्या बहुत अधिक हो सकती है. और ऐसा होने से ये लक्षण और अधिक बढ़ सकते हैं.
उल्टी होने पर खून भी आ सकता है या काले रंग की उल्टी भी हो सकती है.
मोशन (मल) के साथ भी ब्लड आ सकता है. या फिर काले रंग का चिपचिपा पदार्थ पॉटी के साथ आ सकता है.
पेट के छालों का इलाज
पेट में अल्सर होने पर खुद से उपचार करने या घरेलू नुस्खे अपनाने के चक्कर में ना लगें. बल्कि तुरंत डॉक्टर से जाकर मिलें और इमरजेंसी में अपना इलाज कराएं.
यह बात पूरी तरह क्लियर नहीं है कि पेट में अल्सर किन कारणों से होता है.
लेकिन यह बात साफ है कि इनके होने में एक मुख्य कारण पेट में डाइजेस्टिव फ्लूइड का असंतुलन भी होता है.
क्योंकि जब पेट में डाइजेस्टिव फ्लूइड यानी पाचन तरल पदार्थ में असंतुलन के कारण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया के पनपने से होती है.
यह बैक्टीरिया पेट में अम्ल (Acid) पैदा करता और इससे पेट में जलन होने लगती है. साथ ही यह बैक्टीरिया भोजन पचाने वाले एसिड्स के प्रभाव को कम करता है, जिससे पाचन गड़बड़ाने लगता है.
यह भी पढे –
क्या आपको पता है खून का जमना शरीर के लिए जितना जरूरी है, उतना ही खतरनाक भी है