एक तिहाई आबादी करती है तंबाकू का सेवन: रिपोर्ट

नयी दिल्‍ली (एजेंसी/वार्ता): देश में प्रतिबंधित होने के बावजूद परंपरागत तथा सोशल मीडिया पर तंबाकू के विज्ञापन चोरी छिपे जारी हैं और 15 वर्ष से अधिक उम्र की करीब 29 प्रतिशत आबादी इसका सेवन कर रही है। वैश्विक सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ‘वाइटल स्ट्रैटेजीज’ ने बुधवार को यहां जारी अपनी एक रिपोर्ट ‘हिडन इन प्‍लेन साइट: भारत में सोशल मीडिया पर तंबाकू उत्‍पादों के सरोगेट मार्केटिंग’ जारी करते यह खुलासा किया।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में तंबाकू के विज्ञापन प्रचार और प्रायोजक को प्रतिबंधित करने वाली मजबूत नीतियां हैं, फि‍र भी पारंपरिक मीडिया पर अप्रत्‍यक्ष रूप से तंबाकू उत्‍पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘सरोगेट मार्केटिंग’ का उपयोग धड़ल्‍ले से हो रहा है। विज्ञापन का यह रूप तम्बाकू उत्पाद के समान या समान ब्रांड पहचान का उपयोग करके पान मसाला जैसे अनियमित उत्पादों को बढ़ावा देता है ताकि उपभोक्ता उसे तम्बाकू उत्पाद से जोड़ सके।

रिपोर्ट में जनवरी और मई 2022 के बीच एकत्र किए गए 2,000 से ज्‍यादा सोशल मीडिया पोस्‍ट का विश्‍लेषण किया, जो अप्रत्‍यक्ष रूप से तंबाकू का प्रचार करते हैं। इनमें से 12 प्रतिशत सरोगेट मार्केट के थे।

रि‍पोर्ट में कहा गया है कि लोकप्रिय सोशल मीडिया के माध्‍यम से तंबाकू उत्‍पादों को गुप्‍त रूप से ऑनलाइन प्रचारित किया जा रहा है। तंबाकू विज्ञापनों के छिपे हुए रूप मौजूदा तंबाकू नियंत्रण उपायों की प्रभावशीलता को कम करते हैं और उपभोक्‍ताओं, विशेषरूप से युवाओं को सबसे अधिक जोखिम में डालते हैं।

द इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरकुलोसिस एंड लंग डिजीज (द यूनियन) में टोबैको कंट्रोल के उप क्षेत्रीय निदेशक डॉ. राणा जे. सिंह ने कहा कि तंबाकू नियंत्रण के लिए ऑनलाइन सरोगेट मार्केटिंग पर ध्यान देना चाहिए ताकि नियंत्रण नीतियां अधिक प्रभावी हो।

मार्केटिंग उन प्रमुख तरीकों में से एक है, जिसके द्वारा तंबाकू की खपत को बढ़ावा दिया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑनलाइन तंबाकू मार्केटिंग के 2,111 मामलों में से 90 प्रतिशत से ज्‍यादा तंबाकू कंपनियों से संबद्ध उत्‍पादों के लिए थे। ऑनलाइन तंबाकू विज्ञापन के 2,111 मामलों में से, ऑनलाइन सरोगेट मार्केटिंग (12 प्रतिशत) के 243 मामले और कंपनी ब्रांड एक्‍सटेंशन विज्ञापन (80 प्रतिशत) के 1691 मामले थे।

अन्‍य 8 प्रतिशत सीधे तौर पर तंबाकू उत्‍पादों के विज्ञापन थे, जहां उत्‍पादों को स्‍पष्‍ट रूप से चित्रित किया गया था और उन्‍हें छि‍पाया नहीं गया था। ऑनलाइन देखे गए करीब आधे सरोगेट मार्केटिंग में गणतंत्र दिवस और चैत्र नवरात्रि जैसे सांस्‍कृतिक उत्‍सवों तथा समारोहों का फायदा उठाया एवं प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेताओं को इनमें दिखाया गया। ऑनलाइन सरोगेट मार्केटिंग का तीन-चौथाई फेसबुक और इंस्‍टाग्राम पर देखा गया।

जून 2022 में, केंद्रीय उपभोक्‍ता संरक्षण प्राधिकरण ने ‘भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के लिए एंडोर्समेंट के लिए दिशा-निर्देश’ जारी किए, जो सरोगेट मार्केटिंग और अन्‍य विज्ञापनों को प्रतिबंधित करते हैं।

-एजेंसी/वार्ता

यह भी पढ़े: नैसकॉम फाउन्डेशन चलायेगा 55 आकांक्षी जिलों में डिजिटल समावेशन कार्यक्रम

Leave a Reply