जायफल बच्चे की सर्दी-खांसी समेत इन बीमारियों को दूर भगाता है

खाने में इस्तेमाल होने वाला जायफल एक मसाला है, जो स्वाद और सुंगध से भरपूर होता है. कई नुस्खों में भी जायफल का इस्तेमाल किया जाता है. बच्चों को सर्दी जुकाम होने पर दादी-नानी जायफल खिलाने की सलाह देती हैं.

जायफल एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर होता है. इसे खाने से सीजनल बीमारियां दूर रहती हैं. कुछ लोग जायफल को सीधे कूट कर या फिर गर्म मसाले के तौर पर खाने में इस्तेमाल करते हैं.

बच्चों की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है. ऐसे में उन्हें सर्दी जुकाम सबसे ज्यादा परेशान करता है. बच्चे को सर्दी होने पर जायफल खिलाने से राहत मिलती है. जायफल में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो सीजनल इंफेक्शन को दूर करते हैं. ये तासीर में गर्म होता है. इसे खाने से शरीर में गर्मी आती है. खांसी होने पर जायफल को पीसकर शहद में मिला कर बच्चे को चटाने से आराम मिलता है.

बच्चे और बड़े सभी को अपच की समस्या रहती है. अपच होने पर जायफल खाने से मदद मिलती है. बच्चे को अपच होने पर जायफल कूट कर घी या शहद में मिला कर नाभि पर लगाएं. बच्चे को शहद में मिलाकर जायफल खिलाने से पेट दर्द की समस्या भी दूर होती है.

बच्चों को मुंह में छाले होने पर खाने-पीने में बहुत मुश्किल होती है. छोले की समस्या दूर करने के लिए आप बच्चे को जायफल खिला सकते हैं. इसके लिए जायफल और मिश्री को मिला खिलाएं. इससे पेट को ठंडक मिलेगी और मुंह के छाले दूर हो जाएंगे.

बच्चों को कान में दर्द होने पर जायफल खिला सकते हैं. जायफल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जिससे कान के दर्द और सूजन में आराम मिलता है. इसके एंटी बैक्टीरियल गुण से कान की गंदगी साफ हो जाती है. जायफल को पीस लें और लेप बना कर कान के पीछे लगा दें. इसस कान का दर्द और सूजन कम हो जाएगी.

बच्चे को दूध में जायफल मिलाकर खिलाने से भूख बढ़ती है. इससे बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत होती है. जायफल खाने से मेटाबोलिज्म तेज होता है और डाइजेशन में भी सुधार आता है.

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