एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस डेटा के अनुसार, पिछले साल कुल 243 कंपनियां भारतीय शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुईं, जो कम से कम छह साल में सबसे ज्यादा है। हालाँकि, 2023 में आईपीओ कुल राशि 7.10 अरब डॉलर रही जो में 2022 की तुलना में नौ फीसदी से ज्यादा कम है। वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने अकेले भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) जैसी बड़ी कंपनी के आईपीओ से 205 अरब रुपये से अधिक जुटाए थे।
संख्या के लिहाज से 2023 में शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों की संख्य़ा एक साल पहले के मुकाबले 65 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई। दुनिया भर के अन्य प्रमुख बाजारों में गतिविधि धीमी होने देश में आईपीओ में उछाल देखा गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में वैश्विक स्तर पर आईपीओ की संख्या 15 प्रतिशत गिरकर 1,429 हो गई और कुल लेनदेन मूल्य में 33.6 फीसदी की भारी गिरावट आई। जनवरी में जारी पीडब्ल्यूसी रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में आईपीओ आय के मामले में भारत ने वैश्विक बाजारों में तीसरा स्थान हासिल किया, जो पूंजी के स्रोतों में बदलाव और स्थानीय बाजारों के परिपक्व होने का संकेत देता है। पेशेवर सेवा फर्म ने कहा कि भारत का नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) नवंबर 2023 में बाजार पूंजीकरण के मामले में हांगकांग को पीछे छोड़कर चार लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच गया।
– एजेंसी