मेडिकल जर्नल द लैंसेट की एक नई रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2050 तक 25 साल से अधिक उम्र के 45 करोड़ लोग अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं। इस मामले में चीन पहले स्थान पर है, जहां 62 करोड़ से ज्यादा लोगों के मोटे होने की आशंका जताई गई है।
मोटापे की बढ़ती समस्या: सिर्फ खानपान ही नहीं, ये भी हैं कारण
अक्सर लोग मानते हैं कि मोटापा सिर्फ खराब खानपान और सुस्त लाइफस्टाइल के कारण बढ़ता है, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जेनेटिक्स और हार्मोन भी मोटापे की अहम वजह बन सकते हैं।
कैसे बढ़ता है मोटापा? जेनेटिक्स और हार्मोन्स की अहम भूमिका
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर परिवार में पहले से मोटापे का इतिहास रहा हो, तो आने वाली पीढ़ी में भी इस समस्या की संभावना अधिक होती है।
🔹 लेप्टिन हार्मोन – यह हार्मोन शरीर को यह संकेत देता है कि कब भोजन करना है और कब नहीं। अगर इसका संतुलन बिगड़ जाए, तो भूख पर नियंत्रण खो जाता है और मोटापा बढ़ता है।
🔹 घ्रेलिन हार्मोन – यह हार्मोन भूख को नियंत्रित करता है। अगर इसकी मात्रा शरीर में ज्यादा हो जाए, तो व्यक्ति को हर समय भूख लगती है और वजन तेजी से बढ़ता है।
मेडिकल जर्नल ‘नेचर’ की रिसर्च के मुताबिक, दुनियाभर में 10 से 20 फीसदी मोटापे के मामलों में जेनेटिक्स और हार्मोन असली वजह होते हैं। यह आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है।
मोटापा बढ़ने के अन्य कारण
मोटापे के लिए सिर्फ खानपान और हार्मोन ही जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि कई अन्य कारण भी इसे बढ़ाते हैं:
✅ शारीरिक गतिविधियों की कमी – ज्यादा समय तक बैठने और कम एक्सरसाइज करने से शरीर में फैट बढ़ता है।
✅ मानसिक तनाव – तनाव के कारण हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिससे भूख बढ़ जाती है।
✅ नींद की कमी – पर्याप्त नींद न लेने से शरीर की मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
✅ कुछ दवाओं का सेवन – कुछ दवाइयां वजन बढ़ाने का कारण बन सकती हैं।
कैसे करें बचाव?
👉 हेल्दी डाइट अपनाएं – संतुलित भोजन और सही पोषण से मोटापे पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
👉 नियमित व्यायाम करें – रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि जरूरी है।
👉 पर्याप्त नींद लें – रोजाना 7-8 घंटे की नींद शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
👉 तनाव को कम करें – मेडिटेशन, योग और रूटीन लाइफस्टाइल से मानसिक तनाव को नियंत्रित किया जा सकता है।
क्या भारत में मोटापा नई महामारी बनने जा रहा है?
अगर इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले वर्षों में मोटापा एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बन सकता है। इसलिए खानपान और लाइफस्टाइल के साथ-साथ हार्मोन और जेनेटिक्स पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
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