तिरुवनंतपुरम (एजेंसी/वार्ता) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) केरल के कैथोलिक चर्च (लैटिन संस्कार) के तिरुवनंतपुरम महाधर्मप्रांत के नेतृत्व में बंदरगाह विरोधी प्रदर्शनकारियों की ओर से एक थाने पर किए गए हमले के बारे में जानकारी एकत्र करेगी। जानकार सूत्रों ने बुधवार को बताया कि एनआईए की टीम अडाणी के विझिंजम बंदरगाह क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन के बारे में पुलिस से जानकारी एकत्र कर सकती है
जहां शनिवार और रविवार को हिंसा भड़की थी। एनआईए की ओर से यहां 7,500 करोड़ रुपये की बंदरगाह परियोजना के खिलाफ हिंसक आंदोलन और कथित बाहरी फंडिंग से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर जानकारी एकत्र करने की संभावना है केरल पुलिस ने लगभग 85 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है और रविवार को थाने पर हमले तथा अन्य हिंसक घटनाओं के सिलसिले में 3,000 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इससे पहले केरल उच्च न्यायालय ने विझिंजम में कानून व्यवस्था की स्थिति और पुलिस स्टेशन पर हमले पर एक रिपोर्ट मांगी थी क्योंकि बंदरगाह विरोधी प्रदर्शन 136वें दिन में प्रवेश कर गया था। अडाणी बंदरगाह पर निर्माण कार्य तत्काल बंद करने की मांग करते हुए आंदोलनकारियों ने शनिवार को अडाणी के बंदरगाह पर निर्माण सामग्री ले जा रहे ट्रकों को क्षतिग्रस्त करने और बंदरगाह का समर्थन करने वालों पर हमला करने वाले पांच लोगों की रिहाई की मांग करते हुए थाने का घेराव किया।
आंदोलनकारियों ने रविवार रात चार जीप, दो वैन और 20 बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया, पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया और 33 पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया। इस बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने विझिंजम बंदरगाह क्षेत्र के आसपास हिंसा भड़काने के लिए लैटिन चर्च की आलोचना करते हुए एक बयान जारी किया।
माकपा ने राज्य सरकार से बंदरगाह परियोजना को नुकसान पहुंचाने और तटीय क्षेत्र में आतंक जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी पुलिस कार्रवाई करने का आग्रह किया। इससे पहले पुलिस ने लैटिन महाधर्मप्रांत के आर्कबिशप डा. थॉमस जे नेट्टो के खिलाफ झड़प के मुख्य आरोपी के रूप में मामला दर्ज किया था।
गौरतलब है कि गत 27 अक्टूबर को लैटिन महाधर्मप्रांत द्वारा समर्थित मछुआरों ने एक नाव में आग लगा दी और पुलिस बैरिकेडों को समुद्र में फेंक दिया। महिलाओं सहित सैकड़ों मछुआरे सड़क और समुद्र के रास्ते परियोजना स्थल में घुसे तथा बंदरगाह के प्रवेश द्वार का ताला तोड़ दिया। आंदोलनकारियों ने पुलिस को विरोध और हिंसा में शामिल लोगों की तस्वीरें लेने से भी रोक दिया।
बंदरगाह के निर्माण को रोकने की मांग को हालांकि, राज्य सरकार ने खारिज कर दिया था। इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा को बताया कि विझिंजम बंदरगाह की निर्माण गतिविधियों के कारण विझिंजम में कोई भी अपना आश्रय और आजीविका नहीं खोएगा
उन्होंने आश्वासन दिया कि वह लोगों की वास्तविक समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलनकारी मछुआरों के साथ चर्चा के लिए तैयार है। इससे पहले चर्च के वाइसर जनरल यूजीन परेरा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उचित मुआवजे सहित उनकी मांगों को स्वीकार किए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा।
एजेंसी/वार्ता
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