रेमंड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) गौतम सिंघानिया की निवेश वाली कंपनी सुपर कार क्लब गैराज (एससीसीजी), जो पुरानी कारों को नई जैसी बनाने की सेवा प्रदान करती है, केंद्र सरकार के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी विदेशी वाहनों का आयात करके उन्हें नया रूप देने और फिर उनका निर्यात करने के लिए सरकार से लाइसेंस प्राप्त करने की कोशिश कर रही है। फिलहाल, भारतीय नियमों के तहत केवल 1950 से पहले निर्मित कारों का ही आयात किया जा सकता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय वाहनों को रेस्टोर करने की प्रक्रिया सीमित हो जाती है।
कंपनी द्वारा प्रस्तावित लाइसेंस के लिए सीमा शुल्क, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और वित्त मंत्रालय जैसी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ तालमेल की जरूरत है। इसका उद्देश्य भारत को एक वैश्विक कार रेस्टोरेशन केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जो गुणवत्तापूर्ण और किफायती सेवाएं प्रदान कर सके। भारत के पास प्रतिस्पर्धी श्रम लागत और कुशल श्रम का फायदा है, जिसे एससीसीजी ने प्रमुख रूप से उजागर किया। कंपनी ने दावा किया है कि भारत में श्रम लागत ब्रिटेन जैसे देशों की तुलना में काफी कम है, जहां रेस्टोरेशन की लागत प्रति घंटे 100 से 200 पौंड तक हो सकती है।
गौतम सिंघानिया ने कहा, “जैसे कपड़ा उद्योग अधिक श्रम लागत वाले देशों से भारत जैसे कम श्रम लागत वाले बाजारों में आ गया, हम मानते हैं कि कार रेस्टोरेशन भी इसी तरह का बाजार बन सकता है। आवश्यक परमिट मिलने के बाद, हम न्यूनतम श्रम लागत का फायदा उठाकर भारत में अंतरराष्ट्रीय रेस्टोरेशन परियोजनाओं को आकर्षित कर सकते हैं।” एससीसीजी को आवश्यक अनुमति मिलने की उम्मीद है। मंजूरी का पहला चरण सफल रहा है और अब कंपनी अंतिम लाइसेंसिंग के लिए सरकार की विशेष आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
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