मेंटल हेल्थ तेजी से बढ़ती लाइफस्टाइल संबंधित सीरियस बीमारी है. आजकल हर एज के लोग एंग्जाइटी और डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं. अगर इस बीमारी को कंट्रोल में रखना है तो योग, वर्कआउट, दवाओं के साथ खाने-पीने में इन चीजों को कम से कम खायें. आपकी डाइट से आपकी मेंटल हेल्थ पर काफी असर पड़ता है. आपको ऐसा आहार लेना चाहिए, जिससे शरीर फिट रहे.
फल खाने से बॉडी को फाइबर मिलता है और नेचुर शुगर से एनर्जी मिलती है वहीं सिर्फ फ्रूट जूस में आप शुगर वाटर पीते हैं, जिसको पीते ही एकदम पेट भरा सा लगता है और कुछ देर बाद ही खाली भी हो जाता है, क्योंकि उसमें इंस्टेंट एनर्जी मिलती है, इसलिये जब भूख लगे तो कोई फल खायें और प्यास लगे तो पानी पीयें
चाहे नॉर्मल सोडा हो या डायट सोडा, किसी भी तरह की कोल्ड ड्रिंक डिप्रेशन वाले हॉर्मोन्स को और बढ़ाता है. डायट सोडा में शुगर नहीं होती, लेकिन कैफीन काफी होता है, जिससे और डाउन फील होता है. अगर कुछ कोल्ड ड्रिंक जैसा पीने का मन ही है Seltzer वाटर को जूस के साथ मिक्स करके पी सकते हैं ये आपको कोल्ड ड्रिंक की तरह बबली फील देगा
सिर्फ मैदा वाली ब्रेड खाना भी डिप्रेशन और एंग्जाइटी में सही नहीं. मैदा की ब्रेड प्रोसेस्ड आटे से बनी है और फिर ब्रेड भी एक प्रोसेस्ड फूड है. इसे खाने की वजह से एकदम एनर्जी हाई और फिर डाउन हो सकती है
1 चम्मच टोमेटो कैचअप में 4 ग्राम शुगर होता है जो काफी ज्यादा है. साथ ही इसमें आर्टिफिशयल स्वीटनर और कलर भी मिलाये जाते हैं जो डिप्रेशन और एंग्जाइटी को और बढ़ा सकते हैं. इसी तरह सैलेड पर डाली जाने वाली ड्रेसिंग में भी हाई फ्रूक्टोज कॉर्न सीरप होता है जो मूड अप एंड डाउन कर सकता है
कई बार कहा जाता है कि कम मात्रा में एल्कोहल आपकी नर्व्स को कूल कर सकती है जिससे अच्छी नींद आती है और अच्छी नींद का सीधे कनेक्शन डिप्रेशन और एंग्जाइटी से है. लेकिन अगर आप लिमिट से ज्यादा एल्कोहल लेते हैं तो ये आपकी एंग्जाइटी को और बढ़ाती है इसलिये बेहद कम मात्रा या एल्कोहल को अवॉइड करना बेहतर है.
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