चेन्नई (एजेंसी/वार्ता): वैश्विक ऑटो संघटक मोबिस ने भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)- मद्रास निर्मित स्टार्ट अप नियो मोशन के साथ भागीदारी शरू की है जो 500 दिव्यांग लोगों के लिए स्वदेशी पुनर्वास उपकरण विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहा है जो उन्हें व्यक्तिगत मोटरचालित व्हील चेयर प्रदान करेगा। मोबिस ने इस प्रोजेक्ट को अपने सी एस आर ‘पहुँच तथा स्वतंत्रता’ पहल के तहत लिया है।
आईआईटी मद्रास के विज्ञप्ति में बुधवार को कहा गया कि देश के दूसरे भागों में और अधिक लाभार्थियों की पहचान की जाएगी। इससे पहले सोमवार को यहाँ से 40 किलोमीटर दूर श्रीपेरुम्बुदुर के मोबिस प्लांट में पहले चरण के 50 लाभार्थियों को व्हील चेयर प्रदान किया गया। व्हीलचेयर को ‘न्योफ्लाई’ कहा जाता है जो लाभार्थियों के नैदानिक मूल्यांकन के बाद पसंद के अनुसार बनाया गया है जो सही दशा में उचित फिटिंग प्रदान करता है।
एक स्कूटर क्लिप डिवाइस जिसे ‘न्योबोल्ट’ भी कहा जाता है व्हीलचेयर को सड़कों पर चालन के लिए नियंत्रित करता है। यह दिव्यांगों को उनके शिक्षा को पूरा करने, रोजगार देने तथा सशक्त बनाने में भी मदद करता है। हुंडई मोबिस मानव संसाधन के प्रमुख प्रेम साई कहते हैं कि मोबिस के भाग के रूप में सी एस आर क्रिया कलाप के तहत हमलोग मुख्यतः चिकित्सा एवं शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो योग्य उम्मीदवार पर सकारात्मक प्रभाव पैदा करते हैं।
दो वर्षों में मोबिस फाउंडेशन ने कई निगमित सामाजिक उतरदायित्व के तहत बहुत सारे कार्य किए हैं जिसमें सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त क्लास रूम, शौचालय, बेंच व डेस्क, आंगनवाड़ी का निर्माण, ट्रान्सजेंडर के लिए आवासों की व्यवस्था, पानी के स्रोत तालाबों का कायाकल्प, गर्भवती महिलाओं के पोषक आहार की व्यवस्था भी की है ताकि शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।
साई कहते हैं कि चिकित्सा मदद के रूप में यह एक शानदार कार्य किए हैं जिसमें 500 मोटर चालित व्हीलचेयर चेन्नई के आस -पास,हरियाणा,हैदराबाद और मुंबई में अलग रूप से सक्षम लोगों को देकर उन्हें अपना जीवन को खुद से जीने का संबल दिया है। उन्होंने कहा,हमलोग निश्चित रूप यह मानते हैं कि उन्हें न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन बल्कि पूरे परिवार की आजीविका को चलाने में भी मदद मिलेगी।
-एजेंसी/वार्ता
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