दूध के बारे में सबकी अपनी-अपनी राय हो सकती है. इस बात से कोई मना नहीं कर सकता कि दूध सेहत का खजाना होता है. तभी आयुर्वेद इसे संपूर्ण आहार मानता है. दूध के बारे में कनाडा की ब्रोक यूनिवर्सिटी में अप्लाइड सांइसेज के असिस्टेंड प्रफेसर डॉक्टर ब्रियन रॉय का कहना है कि दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे पूरे शरीर को पोषण देने का काम करते हैं.
दूध पर लंबी रिसर्च में आए नतीजों और अनुभवों को साझा करते हुए, जिम जाकर सेहत बनाने वाले लोगों के बारे में डॉक्टर रॉय का कहना है कि जो युवा वेटलिफ्टिंग के बाद दूध का सेवन करते हैं, उनके शरीर में जमा बसा तेजी से घटती है. यानी फैट जल्दी रिड्यूस होता है जबकि मसल्स तेजी से बननी शुरू हो जाती हैं.
यदि आपको दूध पीना पसंद नहीं है तो आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि क्या दूध से बने अन्य फूड्स जैसे, पनीर, टोफू, दही इत्यादि खाने से भी मसल्स बनती हैं क्या? तो इस विषय में डॉक्टर रॉय का कहना है कि दूध की जगह यदि एक्सर्साइज के बाद युवा दूध से बनी अन्य चीजों का सेवन करते हैं तो उनमें मसल्स बनने की गति धीमी होती है.
दूध पीने से मसल्स बनती हैं और फैट घटता है. यदि यह जानने के बाद आपकी यह इच्छा हो रही है कि फिर तो दिनभर सिर्फ दूध ही पीना चाहिए. क्योंकि यह संपूर्ण आहार भी है और फैट भी नहीं बढ़ाता साथ ही मसल्स भी बनाता है! लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि अति तो हर चीज की वर्जित होती है. सिर्फ दूध पीने से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है और पाचन संबंधी अन्य रोग भी घेर सकते हैं. यही कारण है कि 6 महीने की उम्र के बाद बच्चे को भी कुछ ना कुछ ठोस आहार दिया जाने लगता है. लेकिन दूध से फैट घटाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप एक्सर्साइज जरूर करें.
एक स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में कितना दूध पीना चाहिए यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप काम क्या करते हैं, आपकी जीवनशैली कैसी है और कितना कैलोरी बर्न आप करते हैं. हालांकि एक स्वस्थ व्यक्ति एक दिन में 3 गिलास दूध पी सकता है. लेकिन इश बात का ध्यान रखें कि सिटिंग जॉब करने वालों का पाचन शारीरिक श्रम जैसे खेती के काम या मजदूरी से जुड़े काम, खेल-कूद, जिमनास्ट इत्यादि करने वालों से काफी कमजोर होता है.
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