छोटी पूजा और एक छोटा लड़का खेल रहे थे। पूजा लड़के के पास पहुंची और बोली‚ “टॉमी‚ ‘घर’ का खेल खेलोगे ?”
उसने कहा ‚”हां ‚क्यों नहीं। तुम मुझसे क्या करवाना चाहती हो?”
पूजा ने जवाब दिया ‚” मैं चाहती हूं तुम अपनी भावनाएं व्यक्त करो।”
“भावनाएं व्यक्त करूं ! “‚ परेशान से टॉमी ने कहा ‚”मुझे पता नहीं इसका क्या मतलब होता है।”
पूजा व्यंग्य से मुस्कुरायी और बोली‚ “बिल्कुल सही। तुम ‘पति’ बन सकते हो।”😜😂😂😂😛🤣
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व्यवसायिक स्कूल से ताज़ा निकले एक नवयुवक ने एकाउंटेंट की ज़रूरत के विज्ञापन का जवाब दिया। अब उसका साक्षात्कार एक परेशान सा व्यक्ति ले रहा था‚ जो खुद का शुरू किया हुआ व्यापार चला रहा था।
“मुझे ऐसा आदमी चाहिए जिसके पास एकाउंटिंग की डिग्री हो।” उस आदमी ने कहा। “लेकिन असल में मुझे ऐसा कोई चाहिए जो मेरे लिए चिन्ता करे।”
“मैं समझा नहीं।” नवयुवक बोला।
“मैं बहुत सारी चीज़ों की चिन्ता करता हूं।” आदमी ने कहा। “पर में पैसों के बारे में चिन्ता नहीं करना चाहता। तुम्हारा काम होगा‚ मेरी धन संबंधी सारी चिन्ताओं को मुझसे दूर रखना।”
“समझा” नवयुवक बोला। “और इस नौकरी में मेरा वेतन क्या होगा?”
“शुरूआत में मैं तुम्हें अस्सी हज़ार दूंगा।”
“अस्सी हज़ार!” नवयुवक ने चकित होकर कहा “इतने छोटे व्यापार से आप इतनी बड़ी राशि कैसे दे पाएंगे?”
“यह”‚ आदमी ने कहा “तुम्हारी पहली चिन्ता है।”😜😂😂😂😛🤣